ऐतिहासिक होगा भीम आर्मी का दिल्ली मार्च: निजाम चौधरी

ऐतिहासिक होगा भीम आर्मी का दिल्ली मार्च: निजाम चौधरी


भीम आर्मी कोर कमेटी के सदस्य निजाम चौधरी का कहना है कि सीएए के खिलाफ 20 दिसंबर को होगा पैदल मार्च



उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि "सीसीए एनआरसी के खिलाफ 20 दिसम्बर, जुमे को तीन बजे पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद से जंतर - मंतर तक पैदल मार्च करके जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठूंगा।" उन्होंने बताया कि यह धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक ये कानून खत्म नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा कि जिस तरह कानून बनाकर भारत के बहुजन वर्ग के एक बहुत बड़े वर्ग मुसलमान, गोरखा तमिल और अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता लेने से वंचित करने की साजिश की जा रही है। चौधरी ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण छीनने के प्रयास कर रहे हैं। एनआरसी में नाम की हेराफेरी दिखाकर यह करोड़ों दलितों और ट्राईबल को कागजात के नाम पर लटकाने, उनकी नागरिकता छीनने और उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करने की साजिश है। उन्होंने बताया कि संगठन के मुखिया चंद्रशेखर रावण ने दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि "एनआरसी के बहाने आरक्षण को समाप्त करने की साजिश का पर्दाफाश करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 की वापसी की मांग को लेकर, मैं 20 दिसंबर शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक अकेला पैदल मार्च करूंगा। मैं इस पदयात्रा की शुरूआत जुमे की नमाज़ के बाद जामा मस्जिद से करूंगा।"


जामा मस्जिद ही क्यों


जब भीम आर्मी के नेता से पूछा गया कि इस पैदल मार्च के लिये आपने जामा मस्जिद को ही क्यों चुना?  उनका कहना था कि जामा मस्जिद की ऐतिहासिक सीढ़ियों से मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भारत की एकता और सद्भाव का नारा दिया था। उनकी याद में इस शुक्रवार को मैं जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचूंगा। उसके बाद जंतर-मंतर पर अनिश्चितकाल धरना दिया जाएगा।


निजाम ने कहा कि जामा मस्जिद से निकलने वाला मार्च ऐतिहासिक होगा और दिल्ली की सड़कों से मौलाना मोहम्मद अली जौहर और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की तरह पूरे भारतवर्ष को यह संदेश देना चाहता हूं कि भारत का बहुजन यहीं रहेगा और नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस होना चाहिए। क्योंकि यह करोड़ों बहुजन, मुसलमानों, गोरखा, तमिल और दलित ट्राइबल को अपने ही देश से बाहर करने की एक साजिश है और यह साजिश आरक्षण की समाप्ति है। उन्होंने बताया कि हमारे नेता ने घोषणा की है कि जब तक मेरी जान में जान है मैं ऐसा होने दूंगा।


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