चौ० चरण सिंह की जयंती पर नमन

चौ० चरण सिंह की जयंती पर नमन


सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री और स्वतंन्त्रता सेनानी स्व: चौ० चरण सिंह जी का जन्मदिन है उन्हें मेरा शत शत नमन है : शूटर शमशेर राणा



शूटर शमशेर राणा ने चौ0 चरण सिंह की जयंती पर कहा कि उन्होंने देश के किसानों को नई दिशा दिखाई जिससे भारत की राजनीति में एक नया मोड़न आया। वह कहा करते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता गाँव और खेतों से होकर गुजरता है और ऐ भोले किसान एक पैर अपने खेत में रख दूसरा पैर राजनीतिक गलियारे में रख। लेकिन आज उनका राजनीतिक कुनबा बिखरा पड़ा है। जिसे देख कर दुख होता है और मेरे अन्दर मन्थन होता है कि क्या किया जाए जो सब एक हो जाएं।


हमारे लिये फख्र की बात है कि चौधरी साहब हमारे बाबा जी स्वतंन्त्रता सेनानी स्वामी रामानन्द जी को अपना गुरु तुल्य मानते थे।अँग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ते हुए कई बार दोनों के सहयोग के किस्से इतिहासकारों और बुजुर्गों से सुनें। एक बार अँग्रेजी सेना के सिपाही पीछे पड़े थे तो चोधरी चरण सिंह जी को अपनी पीठ पर का सहारा देकर नदी पार करवाई थी।


मेरठ की जेल में मेरे बाबा जी स्वामी रामानन्द जी काल कोठरी में बन्द थे और चौ० चरण सिंह सबके साथ खुली जेल में थे। वहाँ सर्दी में अँगेजी हुकूमत ने गर्म कपड़े दिए। जो बाबाजी ने लेने से मना कर दिए। तब जेल प्रशासन ने दूसरे क्राँतिकारी साथियों के हाथों स्वामी जी को गर्म कपड़े ले लेने का आग्रह किया तो चौधरी साहब कुछ साथियों के साथ गर्म कपड़े लेकर गए तो भी कपड़े यह कहकर वापिस कर दिए कि " मैं नहीं लूँगा अँग्रेजी हुकूमत के कपड़े।



जब चौधरी साहब उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो लखनऊ में उनके सरकारी आवास पर आजादी के मद्देनजर पुरानी बात याद करते हुए देशप्रेम की अनुभूति में हँसते हुए कहा कि "आज आपके मेहमान है, आज लाओ वो गर्म कपड़े जो अँग्रेजों की जेल में दे रहे थे... और दोनों हँसने लगे।


मैं खुश खुशनसीब हूँ कि मुझे भी बचपन में बाबा जी चौ० चरण सिंह जी के कंधों पर खेल कर आशीर्वाद और सानिध्य मिला।


एक बार बचपन में गाजियाबाद के महर्षि दयानन्द गुरुकुल में कार्यक्रम के उपरान्त कुर्सी पर बैठे चौधरी साहब को बाबा जी कह कर पीछे से कन्धों पर हाथ रख कर अधिकार से काफी देर प्यार से खड़ा रहा तो चौधरी साहब ने हटाया नहीं। ऐसे प्रेमी स्वभाव के थे चौधरी साहब, जबकि कैमरे चल रहे थे। बाद में एक व्यक्ति ने मेरे कान में धीरे से कहा कि सार्वजनिक सभा में बड़ों के कन्धों पर इस तरह हाथ नहीं रखते। मुझे अभी भी याद है कि उस छोटी उम्र में उनके इस वाक्य से मुझे घर और बाहर के प्रोटोकॉल का अहसास हुआ था और चोधरी साहब के व्यक्तित्व की छाप भी उस दिन बचपन में मन मस्तिष्क पर रह गई। जिस कारण आज भी वह मेरे आदर्श हैं। मुझे यह भी महसूस हो रहा था कि मुझे भी अपने बुजुर्गों की तरह भविष्य में देश सेवा के रास्ते पर चलना चाहिए।


सन 70 के दशक के अन्त में बोट क्लब पर चौधरी साहब की ऐतिहासिक रैली हुई थी, जिसमें मैं पिताजी रामपाल राणा की उँगली पकड़े उछलता कूदता खुशी खुशी अपनी स्वेच्छा से गया था। चौधरी साहब के देहाँत की खबर सुन कर पिताजी को बिना बताए मैं अकेला ही दिल्ली उनके सरकारी आवास कोठी पर पहुँच गया था। उनके जन्मदिन के अवसर पर उनकी और अपनी यादें आ रही हैं
जो आपसे बाँट कर चौ० चरण सिंह जी को नमन करता हूँ।
शमशेर राणा
राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)


पूर्व प्रत्याशी मेयर पद हेतु गाज़ियाबाद नगर निगम


पूर्व प्रत्याशी विधायक पद हेतु मुरादनगर एवं गाजियाबाद
गाजियाबाद के पूर्व मेयर प्रत्याशी नेताजी सुभाष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शूटर शमशेर राणा ने बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट में चोधरी चरण सिंह को पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता गण सुरेंद्र राठी, सतपाल यादव, महेंद्र मुदगल, विनय शर्मा, डी पी शर्मा, राजकुमार भारद्वाज, रूबी, साजिब गाज़ी, जयवीर सिंह त्यागी आदि मौजूद थे।


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