एक मुलाकात युद्धबंदियों के साथ : शूटर शमशेर राणा

एक मुलाकात युद्धबंदियों के साथ : शूटर शमशेर राणा



गाज़ियाबाद। स्वतंन्त्रता सेनानी स्वामी रामानन्द ट्रस्ट के अध्यक्ष शूटर शमशेर राणा ने "सशस्त्र सेना झण्डा दिवस " के अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी भारत सरकार को ज्ञापन भेज कर अपील की है कि पड़ोसी देशों मुख्यतः पाकिस्तान की जेलों से भारतीय युद्धबंदियों को रिहा कराया जाए। तभी सही मायने में हम सशस्त्र सेना झण्डा दिवस मनाने के हकदार हैं।


इस सम्बन्ध में गाज़ियाबाद जिलाधिकारी विमल कुमार के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेज कर कहा है कि सन् 1965 और सन 1971 में पाकिस्तान युद्ध और उसके अभियान के दौरान 74 भारतीय सैन्य अधिकारियों के साथ अनेक सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन शाँति कायम होने के बाद भी उन्हें छोड़ा नहीं गया है और ना ही भारत सरकार द्वारा युद्ध सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय कानून का हवाला देकर छुड़वाया गया है। जबकि 92 - 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को भारत ने रिहा किया था। जैसे कि हाल ही में भारतीय वायु सेना के पायलट अभिनंदन को नियमानुसार पाकिस्तान से भारत ने रिहा कराया है। इसी नियमानुसार सभी युद्धबंदियों को भी रिहा कराया जाए।


शूटर शमशेर राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि "आप प्रत्येक दिवाली सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ मनाते रहे हैं। क्यों ना इस बार की दिवाली युद्धबंदियों को रिहा करवाकर उनके साथ मनाई जाये। मा० प्रधानमंत्री जी आपकी विदेशनीति और विदेश यात्राओं की सराहनीय चर्चा रहती है तो मेरी राय है कि उनके रिहा होने तक 'एक मुलाकात युद्धबंदियों के साथ' पाकिस्तान की जेलों में जाकर आप स्वयं या प्रतिनिधि मण्डल करें। 


"मेरे पत्रों के आधार पर तत्कालीन विदेशमंत्री स्व: सुषमा स्वराज ने मुझे पत्र भेज कर आश्वासन दिया था कि युद्धबंदियों को रिहा कराने की कार्यवाही चल रही है। इस प्रक्रिया पर अग्रिम कार्यवाही युद्धस्तर से करने की कृपा कीजिये।"


ज्ञापन की प्रतिलिपी मा० रक्षामंत्री, मा० विदेशमंत्री,  थल सेनाध्यक्ष एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय को भी प्रेषित की गई है।


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