गंदी हिंडन ले रही है जान, कैंसर हेपेटाइटिस, बच्चों ने संभाली सफाई की कमान
गंदी हिंडन ले रही है जान, कैंसर हेपेटाइटिस, बच्चों ने संभाली सफाई की कमान
हिंडन नदी कभी क्षेत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी इसीलिए हिंडन किनारे गांव बसे। लेकिन नदी की स्वच्छता के प्रति ना तो यहां के निवासियों ने गंभीरता रखी और नहीं सरकारी विभागों ने। अमृत समान पानी अब इतना जहरीला हो गया है कि लोगों के प्राण लेने लगा है।
मुरादनगर हिंडन नदी का प्रदूषित पानी लोगों को कैंसर, हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां दे उन्हें मौत के मुंह में धकेल रहा है। क्षेत्र की इतनी गंभीर स्थिति को बचपन की दहलीज लांघ, किशोरावस्था की अल्हड़ उम्र में पहुंचने से पहले ही क्षेत्र के बच्चों को झकझोर कर रख दिया है। आठवीं से 12वीं के बीच पढ़ने वाले छात्रों ने सोशल मीडिया के द्वारा अपने क्षेत्र की दुर्दशा बताते हुए लोगों की जान की दुश्मन बनी गंदगी से निजात दिलाने की अपील कर रहे हैं। क्षेत्र का बचपन उनके आसपास प्रदूषण जनित बीमारियों के शिकार हो, काल के गाल समाने को लेकर चिंताओं के घेरे में दिखलाई दे रहे हैं। बच्चे कह रहे हैं, हमसे पहली पीढ़ियों ने सफाई का महत्व नहीं समझा, यही कारण है की प्रदूषण का जहर लोगों के प्राण ले रहा है।क्षेत्र के नौनिहालों ने अपील की है कि हिंडन की गंदगी को दूर कर क्षेत्र के लोगों को बीमारियों से बचाने में सहयोग करें।
मुरादनगर क्षेत्र में हिंडन नदी किनारे आधा दर्जन के करीब गांव पड़ते हैं। सुराना, नेकपुर, निठारी, रेवड़ी रेवड़ी, बीहीग आदि गांवों में हिंडन के दूषित पानी के कारण लोगों में कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। कुछ लोग बीमारी के कारण अस्पतालों में इलाज के लिए चक्कर लगा रहे हैं, तो कई लोगों की जान भी जा चुकी हैं।
गांव रेवड़ी रेवड़ी के रहने वाले छात्र प्रिंस कसाना ने पोस्ट किया है कि उनके गांव में कई लोगों की मौत हो चुकी है और बहुत से परिवार तो गांव से पलायन कर चुके हैं।
गांव बीहीग निवासी छात्र जोगेश का कहना है कि उनके गांव में नदी के प्रदूषण से कई लोग कैंसर के शिकार हो चुके हैं जिनमें कई लोगों की जाने भी जा चुकी हैं।
सुराना निवासी आनंद का कहना है कि हिंडन नदी में गंदगी डाले जाने के कारण पानी ने जहर का रूप ले लिया है लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। खेलने कूदने की उम्र में क्षेत्र के नौनिहालों का प्रदूषण के खिलाफ खड़ा होना इस क्षेत्र की गंभीरता बयान करता है।
हिंडन नदी कभी क्षेत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी इसीलिए हिंडन किनारे गांव बसे। लेकिन नदी की स्वच्छता के प्रति ना तो यहां के निवासियों ने गंभीरता रखी और नहीं सरकारी विभागों ने। अमृत समान पानी अब इतना जहरीला हो गया है कि लोगों के प्राण लेने लगा है। बच्चे अलग - अलग तरीके से पोस्ट कर अपने गांव में जलीय प्रदूषण के कारण फैली बीमारियों से होने वाली मौतों की जानकारी देकर लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि नदी का प्रदूषण कम करने में सहयोग कर लोगों को असमय मरने से बचाएं।
इस बारे में बच्चों ने अपनी अपनी समझ से प्रदूषण नियंत्रण विभाग जिलाधिकारी वह अन्य विभागों को भी पोस्ट कर नदी की सफाई करा कर गंभीर बीमारी फैला रहे पानी को साफ करने का अनुरोध किया है। सफाई कराने, बीमारियों से बचाने के प्रयास में लगे। कहने के लिए नादान लेकिन उच्च सोच बच्चे कह रहे हैं कि यदि अभी नहीं चेते तो बहुत देर हो जाएगी।
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