तलहैटा गांव की गौशाला में देखभाल के अभाव में हो रही गोवंशो की मौत

तलहैटा गांव की गौशाला में देखभाल के अभाव में हो रही गोवंशो की मौत


मृत गोवंश को नोच नोच कर खा रहे आवारा जानवर



मोदीनगर। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश भर में गोवंश की देखभाल के लिए स्थापित कराई गई गौशालाएं मुख्यमंत्री की गोवंश के प्रति आस्था और उनकी योजना को प्रशासनिक अधिकारी ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी और इन गोवंश की देखभाल के लिए नियुक्त किए गए कर्मचारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते इन गौशालाओं में आए दिन गोवंश काल के गाल में समा रहे हैं। 


अधिकारियों और कर्मचारियों की गोवंश के प्रति लापरवाही बरते जाने का हाल यह है कि इन मृत गोवंश को आवारा पशु नोच - नोच कर खा रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में तहसील क्षेत्र के ब्लाक भोजपुर अंतर्गत आने वाले गांव गदाना में स्थित कई गोवंश की मौत हो गई थी। जिसकी जानकारी मिलने पर मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद अस्मिता लाल ने गौशाला का मुआयना कर जायजा लिया था, और हालत चिंताजनक पाए जाने पर मौके पर मौजूद एडीओ, ग्राम पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान को जमकर लताड़ लगाते हुए अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत देने के साथ-साथ गोवंशो को दिए जाने वाले चारे का लेखा - जोखा प्रतिदिन उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए थे।


मुख्य विकास अधिकारी द्वारा हिदायत दिए जाने के बाद इन अधिकारियों पर कोई असर हुआ है ऐसा फिलहाल प्रतीत नहीं हो रहा है। क्योंकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भोजपुर ब्लाक अंतर्गत आने वाले एक अन्य गांव तलहैटा में स्थित गौशाला में आए दिन गोवंश की मौत की जानकारी मिल रही है। इस मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों में ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में कई बार ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव से शिकायत कर गौशाला की स्थिति सुधारने की बात कही जा चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा बार-बार इस बाबत शिकायत करने के बावजूद आए दिन गोवंश काल के गाल में समा रहे हैं।


इतना ही नहीं ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव और यहां कार्यरत कर्मचारी मृत गोवंशो की इस कदर अनदेखी कर रहे हैं जिसके चलते मृत गोवंश को आवारा जानवर नोच नोच कर खा रहे हैं। इस संबंध में जब वीडियो भोजपुरी से जानकारी लेने के लिए उनके सीयूजी नंबर पर फोन लगाया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इतना ही नहीं मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल के सीयूजी नंबर पर फोन किया तो उनका नंबर भी स्विच्ड ऑफ मिला।


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