शहर सड़ रहा है, ये कैसी है स्वच्छता?
शहर सड़ रहा है, ये कैसी है स्वच्छता?
मुरादनगर। नगर के बीचोबीच होकर बहने वाला उजैड़़ा माइनर वाला एक गंदे नाले में तब्दील हो लोगों को गंभीर बीमारियां दे रहा है। आसपास पड़ने वाली कालोनियों के भूगर्भ का जल दूषित हो चुका है। जिसके कारण इस माइनर के निकट पड़ने वाली कालोनियों के घरों में हैंडपंप तो काफी समय पहले पीने लायक नहीं रहा था। अब आसपास के क्षेत्र में लगे सरकारी नलों का पानी भी जहरीला हो गया है। नगर पालिका कहती है कि वह इस माइनर की सफाई कराती है। कभी नहर बाई वाले इस पर अपना हक जताते हैं। असलियत यदि मौके पर देखी जाए तो हर कोई समझ सकता है कि इस माइनर की साफ-सफाई कब से नहीं हुई होगी। इस बारे में इस क्षेत्र की कॉलोनी वासियों का कहना है कि वह कई बार सिंचाई विभाग व नगर पालिका को पत्र लिखकर ऐसी व्यवस्था करने की मांग कर चुके हैं। जिससे शहर के बीचोंबीच से गुजर रहा माइनर गंदगी भरा नाले में रहे लोगों ने मांग की है कि इस माइनर को आबादी क्षेत्र में पक्का किया जाए और यदि भविष्य में यह सिंचाई में काम आने की कोई संभावना नहीं है।
इसको बंद करा कर दोनों और सड़क वह बीच में नाला बनाया जाए। जिससे गंदा पानी एकत्र ना हो। इस माइनर के किनारे रावली रोड़ से रेलवे स्टेशन तक दोनों ओर कालोनियां बनी हुई हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। एक बड़ी आबादी का गंदा पानी उन क्षेत्रों में गंदे पानी की निकासी के प्रबंध न होने के कारण उजैड़ा माइनर में गिरता है। जिसकी आगे कहीं निकासी नहीं हो पाती और गंदा पानी एक ही स्थान पर जमा होकर लोगों को बीमार करने का कारण बन रहा है। क्षेत्र के कई गांवों में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने वाला उजैड़ा माइनर का अस्तित्व समाप्ति की ओर है ।
सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार रावली रोड़ स्थित टेलीफोन एक्सचेंज से दिल्ली मेरठ रोड़ पर मील 8 और 9 के बीच रजवाहे की चौड़ाई लगभग 43 फुट है। जिसमें एक पटरी 18 फुट व दूसरी 19 फुट है तथा बीच में नाली 6 फुट है। पिछले कई वर्षों से इस माइनर में पानी न आने के कारण कई स्थानों पर यह मालूम ही नहीं पड़ता कि यहां पहले कभी माइनर था। कई स्थानों पर अतिक्रमण हो चुका है। नगर की मेन रोड से लेकर दिल्ली मेरठ रोड़ तक रजवाहा नाले का रूप धारण कर चुका है। जिसमे गंदा पानी तथा कचरा भरा हुआ है तथा दुर्गंध फैल रही है। इसकी एक पटरी पर सड़क बनी हुई है जबकि दूसरी ओर अवैध कब्जे हो चुके है।
पिछले दिनों पालिका परिषद ने इस माइनर को पाटकर दोनों ओर सड़क बनाने सौंदर्य करण की योजना बनाई थी परंतु यह योजना भी अधर में लटक गई। लोगों का कहना है कि माइनर के आसपास रहने वाले परिवारों में लगे हेंडपम्पों का पानी भी दूषित हो चुका है। यह माइनर सिंचाई विभाग के मेरठ खण्ड के अंतर्गत आता है लेकिन माइनर में पानी बंद होने के बाद से विभाग द्वारा कभी सुध नहीं ली गयी। इस बारे में नगर पालिका व सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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