बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र कोरोनावायरस फैलाने में निभा सकते हैं अहम भूमिका

बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र कोरोनावायरस फैलाने में निभा सकते हैं अहम भूमिका

 

 

बायोमेट्रिक मशीन से ही हो रहा है अभी भी लेनदेन

 


 

मुरादनगर।  सरकार नियम कायदे बनाती है  लेकिन छोटी-छोटी भूल छोड़ देती है। जिसके गंभीर परिणाम कभी-कभी लोगों को भुगतने पड़ते हैं। क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र कोरोना वायरस फैलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह ग्राहक सेवा केंद्र अभी तक बायोमैट्रिक मशीन से ही लेनदेन हो रहा है। जिस पर उपभोक्ता व सेवा केंद्र संचालक कोरोना की चपेट में आ सकते हैं और यदि एक सेवा केंद्र पर भी कोरोना पॉजिटिव में लेन देन कर लिया तो यह औरों के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है। लॉक डाउन में जहां लोग समाज सेवा में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 7:00 बजे तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के  खातों से महिलाओं को रुपए वितरित करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा किसानों के रुपए जो प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए हैं उन्हें भी वितरित कर रहे हैं।

मुरादनगर से 15 किलोमीटर दूर ग्राम सुराना में भारतीय स्टेट बैंक ने अपना ग्राहक सेवा केंद्र खोल रखा है। बैंक की गाइडलाइन के अनुसार ग्राहक सेवा केंद्र सुबह 7:00 बजे से खुलकर शाम को 7:00 बजे बंद होता है, जिसमें दोपहर के लंच का भी कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक कि कोई छुट्टी भी नहीं है यानि कि रविवार को भी खुलता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के खातों का लेनदेन ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर ग्राहक सेवा केंद्र पर होता है। बैंक में कम लेन देन होता है। ग्राम सुराना ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है और वहां पर सबसे ज्यादा जनधन के खाते हैं। ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक महावीर सिंह ने बताया कि वह इस स्थिति में भी लोगों की सेवा में जुटे रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक के  ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक महावीर सिंह ने बताया कि वह सुबह 7:00 बजे ग्राहक सेवा केंद्र खोल देते हैं। लोगों की भीड़ की वजह से पूरे दिन खुला रहता और शाम को 7:00 बजे बंद होता है। लंच करने की भी फुर्सत नहीं रहती क्योंकि महिलाओं पर रुपए की तंगी चल रही है। घर के खर्चे ठीक तरह से नहीं चल पा रहे हैं। इसलिए वह जनधन खातों से प्रतिदिन रुपए वितरित कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य बैंकों के पैसे भी दे रहे हैं। 

उन्होंने बताया की नगदी बैंक की मुख्य शाखा से प्रतिदिन गांव में ले जाते हैं और जमा करने  आते हैं। यह सिर्फ इसलिए कर रहे हैं कि इस आपदा की घड़ी में लोग परेशान ना हो। उन्होंने कहा कि हम सेवा भाव से लगे हुए हैं और कोरोना का खतरा हमेशा मंडराता रहता है क्योंकि ग्राहक सेवा केंद्र पर बायोमेट्रिक से रुपया जमा एवं निकलता है। जिस पर ग्राहक के फिंगर लिए जाते हैं। जिसमें मोरफो मशीन का इस्तेमाल होता है।

महावीर सिंह ने बताया की नगदी लोगों पर कम होने की वजह से आसपास के गांव के लोग भी रुपए लेने के लिए आते हैं। यहां तक कि जनधन के खाते जिन लोगों के खुले हुए हैं वह मुरादनगर से भी पैसा लेने के लिए आते हैं। बैंक प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक एडीबी रेलवे रोड़ मुरादनगर राजेश कुमार ने बताया की  ग्राहक सेवा केंद्र के से लोगों को बहुत लाभ हैं लेकिन अभी तक बायोमेट्रिक लेनदेन के कारण कोरोना जैसी बीमारी का खतरा बढ़ा हुआ है। जिससे संचालक वह उपभोक्ता दोनों के लिए ही खतरा है। ऐसी स्थिति में केंद्र संचालक अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों के कार्य कर रहे हैं। महावीर यादव ने बताया कि सेंटर पर सैनिटाइजेशन व पर्याप्त दूरी का ध्यान रखा जाता है लेकिन फिर भी खतरा बना रहता है।

 

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