मैं इंसान हूं इंसान ही रहने दो - डॉक्टर अनिला सिंह आर्य 

मैं इंसान हूं इंसान ही रहने दो - डॉक्टर अनिला सिंह आर्य 

 


 

मोदीनगर। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री अनिला सिंह आर्य लॉक डाउन में लेखन को धार दे रही हैं।  आज के समय पर एक सटीक रचना उन्होंने हमें प्रेषित की है। 

"मुझे इंसान ही रहने दो 

माफ करो मत बांटो धर्म की दीवार में

मुझे बख्श दो मत बांटो जाति के जाल में

मुझे स्त्री ही रहने दो 

एहसास इंसानियत का करने दो 

केवल मानव धर्म से बंधना चाहती हूं

केवल स्नेह सागर में डूबना चाहती हूं 

सिर मेरा झुकता है मंदिर की सीढ़ी के सामने

असीम शांति पाता है मन गुरुद्वारे के सामने

गलतियों को स्वीकारता है मदर मरियम के सामने 

हम निवाला हम प्याला का 

सबक मिलता है मस्जिद के सामने 

मुझे इन से पृथक मत करो 

इन्हीं के बीच रहने दो 

मत बांधो किसी नाम के बंधन में 

केवल इंसान हूं इंंसान ही रहने दो"

उन्होंने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लेखन स्वाध्याय कम हो पाता है। लेकिन अब उसी माध्यम से समय का सदुपयोग घर पर बैठे हुए हो रहा है।

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