नगर पालिका अध्यक्ष ने महामारी में नहीं ली लोगों की सुध - देवेंद्र पायल

नगर पालिका अध्यक्ष ने महामारी में नहीं ली लोगों की सुध - देवेंद्र पायल



मुरादनगर। नगर पालिका अध्यक्ष विकास तेवतिया में इन्सानियत बची हो तो इस्तीफा दें वह अपना फर्ज निभाने में नाकाम रहे हैं। जहाँ पूरा विश्व व हमारा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। वहीं मुरादनगर के भाजपा कार्यकर्ता व समाज सेवी संगठन अपनी जान की परवाह किए बिना गरीब और मजदूर व मजबूर लोगों की मदद कर रहे हैं। 


भाजपा के वरिष्ठ नेता व मुराद नगर पालिका अध्यक्ष व अपने आप को उन लोगों के हितैषी होने का दिखावा करने वाले पालिका अध्यक्ष कहीं दिखलाई नहीं दिए। लोगों की मदद करना तो दूर की बात है। यह कहना है मुरादनगर से पूर्व चैयरमेन पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे देवेन्द्र पायल का। उनका कहना है कि लॉक डाउन को चलते हुए दो महीने से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। आर्थिक कमजोर परिवारों व नगर में रहने वाले मजदूरों लोगों की मदद के लिए जहां कांग्रेस, सपा बसपा और स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता दिन रात किसी ना किसी रूप में लोगों की सेवा कर रहा है। कोई प्रवासियों को वाहन उपलब्ध करा रहा है तो कुछ लोग भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं और सभी का यह प्रयास है कि नगर में कोई भूखा न रह पाए। 


पायल ने कहा कि मुरादनगर नगरपालिका अध्यक्ष इस पूरे लाकडाउन मे कहीं दिखाई भी नहीं दिए व अपना दायित्व संभाल पाने में नाकाम रहे हैं। जिन गरीब मजदूर लोगों ने उन्हें अपना महत्वपूर्ण वोट देकर चैयरमेन चुना था आज उन पर जब बुरा समय आया तो चैयरमेन उन्हें उनके हाल पर छोड़ उनकी ओर से मुंह मोड़ बैठे। उन लोगों को उम्मीद थी कि इस महामारी के आपातकाल में उनके चेयरमैन उनकी मदद के लिए आगे आएंगे लेकिन ऐसे में वह किसी की मदद करना तो दूर क्षेत्र के लोगों के बीच भी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी हो रही है। बहुत से लोग मदद के लिए खुद आगे आ रहे हैं लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष ने अभी तक अपने मतदाताओं के बारे में भी शायद कोई खैर खबर ली हो। जनता को ऐसे ही समय अपने द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से बहुत आशाएं होती हैं पालिका अध्यक्ष ने ऐसे लोगों को निराश ही किया है। 


उन्होंने कहा कि महामारी में सावधानी बचाव आवश्यक है लेकिन सावधानी के नाम पर अपनों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। हजारों की संख्या में लोग जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं वह भी सावधानी के साथ ही लोगों के बीच जा रहे हैं और सभी को सावधानी के साथ लोगों के निकट पहुंच उनके दुख दर्द साझा करने चाहिए। पालिका अध्यक्ष बहुत बड़े सम्मान का स्थान रखता है लेकिन उस सम्मान को बनाने के लिए अपने आप को अपने मतदाताओं के प्रति समर्पित रहना चाहिए और जो अपने कर्तव्य का पालन ही न कर सके उसे इस सम्मानित पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। 


पायल ने कहा कि चुनाव आते जाते रहते हैं। हार जीत भी जनता जनार्दन तय करती है लेकिन चुनावों के समय जो लोग उनके यहां वोट मांगने जाते हैं, उन्हें अपने मतदाताओं के साथ अवश्य खड़ा होना चाहिए। जीते हुए को पूरे समाज का होना चाहिए। चुनाव लड़ने के बाद हार जाने वाले नेताओं को भी ऐसे समय उन लोगों के बीच पहुंचना चाहिए जिनके मतों ने उन्हें गिनती में खड़ा किया था। 


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