3 दिन से बंधक बनाए गए व्यक्ति को नहीं किया आज़ाद 

 


3 दिन से बंधक बनाए गए व्यक्ति को नहीं किया आज़ाद 


पुलिस को मिली सूचना तब भी कोई कार्यवाही नहीं


 


मुरादनगर। एक व्यक्ति को बंधक बने हुए 3 दिन हो चुके हैं लेकिन पुलिस यह तक पता नहीं लगा सकी है कि बंधक बनाए जाने की सूचना सही है या झूठी। बंधक जैसी सूचना पर पुलिस को त्वरित कार्रवाई कर बंधक को मुक्त कराते हुए बंधक बनाने वाले के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए और यदि सूचना झूठी दी गई है तो सूचना दाता के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन मुरादनगर पुलिस के लिए कुछ भी असंभव संभव नहीं है। यहां की पुलिस के लिए किसी व्यक्ति को बंधक बनाकर रखा जाना शायद कोई महत्व न रखता हो। क्योंकि पुलिस अब हत्या होने के बाद ही मौका ए वारदात का मुआयना करना पसंद करती है। 


थाना क्षेत्र के गांव डिंडोली निवासी अरुण त्यागी ने थाने में लिखित सूचना दी थी कि उसके यहां काम करने वाले नौकर को गांव के ही एक व्यक्ति ने जबरन अपने घर में बंधक बनाया हुआ है। शिकायत पत्र में कहा गया है कि जब वह वहां से आने का प्रयास करता है तो उसे मारपीट कर जबरदस्ती शराब पिला बेहोश कर दिया जाता है। किसी की जान दूसरों के हाथ में है। ऐसी सूचना पर भी पुलिस का कार्रवाई न किया जाना पुलिस की कार्यशैली को भली-भांति स्पष्ट कर रहा है। 


यदि किसी व्यक्ति ने किसी को बंधक बनाए जाने की सूचना पुलिस को दी है। ऐसे में पुलिस को यह कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए कि शिकायत पर काम हुआ। यदि कोई व्यक्ति बंधक बना हुआ है तो उसे बंधक मुक्त कराया जाए। यदि सूचना झूठी है तो सूचना दाता के खिलाफ कार्रवाई की जाए। दोनों ही कार्य पुलिस को करने होते हैं लेकिन मुरादनगर पुलिस ऐसे गंभीर मामलों को भी हवा में ही उड़ा देती है। 


 


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