सभासद के पति शकील की हत्या के केवल दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

सभासद के पति शकील की हत्या के केवल दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार



मुरादनगर। सभासद के पति की पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज हत्याकांड से जहां मृतक पक्ष में कोहराम मच गया वहीं पुलिसिया निगरानी की भी पोल खुल गई है। इस मामले में पुलिस ने नामजद आरोपियों में से मात्र दो की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। लॉकडाउन के चलते पुलिस किसी को हिरासत में नहीं रख सकती लेकिन मुरादनगर पुलिस सभी दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में लगी है। यदि नगर की चर्चाओं पर विश्वास करें तो पुलिस समस्त आरोपियों को नामजद के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। समस्त मीडिया कर्मियों को अलग-अलग पुलिस अधिकारी जिनमें सीओ सदर, थाना प्रभारी मुरादनगर गिरफ्तारी बता रहे हैं लेकिन पुष्टि से बच रहे हैं। इस बारे में इसे पुष्ट करना हमारा कर्तव्य है। 


शकील कुरेशी यहां रावली रोड़ पर लगने वाली सब्जी मंडी में सब्जी की आढ़त किसान की सब्जी आगे बेचने का काम करता था। पास में ही दूसरा पक्ष भी इसी कार्य को करता था। शनिवार सुबह 5:00 बजे आढत का ठेला लगाने को लेकर दूसरे पक्ष से विवाद हो गया जिस पर आरोपियों ने उसके साथ मारपीट करते हुए उसके सर पर ईटों से गंभीर प्रहार कर दिए। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंचे परिजन उसे गंभीर हालत में अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 


मौत की खबर सुनते ही कॉलोनी में शोक व रोष व्याप्त हो गया। देखते ही देखते कॉलोनी में तनाव की स्थिति बन गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृत्यु के स्पष्ट कारण डॉक्टरी रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेंगे। 


तनाव की स्थिति देखते हुए कॉलोनी में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मृतक के पुत्र की ओर से आधा दर्जन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। मृतक व आरोपी पक्ष के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा है जो बीते नगर पालिका के चुनाव के बाद से ज्यादा बढ़ गया था। 


मुरादनगर की इस मंडी को अवैध बताते हुए तथा असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहने के कारण मंडी को बंद कराने की कई बार अधिकारियों से क्षेत्रवासी मांग कर चुके हैं। चुंगी नंबर 3 पर स्थित पुलिस चौकी घटनास्थल से कुछ कदमों की दूरी पर है लेकिन फिर भी हत्या हो गई। यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान है। लॉकडाउन के दौरान भी इस अवैध सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने की खबरें आती रहती हैं लेकिन यहां पुलिस भी लॉकडाउन कराना भूल जाती है। वह क्यों?, यह पुलिस ही बता सकती है। 


गत वर्ष नगर पालिका परिषद चुनाव में मृतक व आरोपी पक्ष चुनाव लड़े थे जिसमें आरोपी पक्ष जीत गया था। तब भी दोनों पक्षों में संघर्ष और पुलिस कार्रवाई हुई थी। कुछ लोग इस हत्या को चुनावी रंजिश से भी जोड़कर चल रहे हैं। फिलहाल पुलिस नामजदगी के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। थाना क्षेत्र में एक के बाद एक हत्या होने से क्षेत्रवासियों में भी भय व्याप्त है। अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है। यही कारण है कि थाना क्षेत्र में आए दिन हत्या जैसी दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही हैं और पुलिस सांप निकलने पर लकीर पीटने से अधिक कुछ करती हुई दिखाई नहीं दे रही। 


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