अपराध का कोई जाति धर्म नहीं होता - विजय गौड़
अपराध का कोई जाति धर्म नहीं होता - विजय गौड़
मुरादनगर। अपराधी की कोई जाति धर्म नहीं होता अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। एक गुनहगार के कारण पूरी बिरादरी को प्रताड़ित करना गलत है। यह कहना है गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव विजय गौड़ का। उन्होंने कहा कि विकास दुबे ने जो किया वह निंदनीय है। उसका दंड भी उसको मिल गया लेकिन उसकी आड़ में ब्राह्मण समाज के अन्य लोगों का पुलिस उत्पीड़न कर रही है जो की गलत है। गौड़ का कहना है कि किसी भी जाति धर्म में अपराधी हो सकता है लेकिन उसकी सजा पूरे समाज को दी जाए यह गलत है।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में वह कानूनी सहायता के लिए भी हर समय तत्पर हैं। यह उचित नहीं है कि पुलिस किसी अपराधी की जाति के आधार पर उस समाज के लोगों का उत्पीड़न दमन करें। ऐसा करना मानव अधिकार का भी खुला उल्लंघन माना जाता है।
Comments
Post a Comment