डाकघर है लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं

डाकघर है लेकिन सुविधा कुछ भी नहीं


 


मुरादनगर। यहां विजय मंडी के गेट पर स्थित टाउन डाकघर में पिछले काफी समय से स्पीड पोस्ट आदि की सुविधा न मिलने के कारण लोग परेशान हैं। "करेला वह भी नीम चढ़ा।" बढ़े संसाधनों के कारण पहले ही लोगों का पोस्ट ऑफिस की ओर जाना कम हो गया है। लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं कि वह पोस्ट ऑफिस द्वारा भेजें या मिले संदेशों को विश्वसनीय मानते हुए प्राथमिकता देते हैं। लेकिन भारतीय डाक विभाग ऐसे लोगों को भी आवश्यकता के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा। जिसके कारण उन लोगों को डाकघर के स्थान पर अन्य संसाधनों का उपयोग करना पड़ रहा है जिससे भारतीय डाक विभाग में विश्वास रखने वाले लोग भी अब उससे हटने लगे हैं।


टाउन डाकघर की स्थापना लगभग 60 वर्ष पूर्व विजय मंडी के गेट स्थित एक दुकान में हुई थी। कुछ समय तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा परंतु पिछले दो-तीन वर्ष से यह डाकघर बिल्कुल बंद चल रहा था। लोगों द्वारा चेताने के बाद अधिकारियों ने इस डाकघर की सुध ली और चार-पांच महीने से यह डाकघर खुलने लगा परंतु अभी भी इस डाकघर में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। डाकघर से न तो स्पीड पोस्ट रजिस्ट्री अथवा मनी ऑर्डर सुविधा है और नहीं समुचित मात्रा में डाक टिकट मिल पाते हैं। ऐसी अवस्था में डाकघर का क्या औचित्य है। आज टेक्नोलॉजी के युग में नए-नए आविष्कार आ रहे हैं और संचार के साधन भी बड़े हैं परंतु यहां डाकघर में कोई भी ऐसी नवीनतम सुविधा उपलब्ध नहीं है जो लोगों के डाकघर से हो रहे मोहभंग को बचा सकेे। लोगों ने डाक विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि टाउन डाकघर में आधुनिकतम सुविधाएं प्रदान की जाए ताकि लोगों को डाकघर का लाभ मिल सके और हमारी एक चिट्ठी की परंपरा बंद न हो जाए। 


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