डॉक्टर राशिद युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कर रहे हैं सहयोग

डॉक्टर राशिद युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कर रहे हैं सहयोग



मुरादनगर। डॉक्टर राशिद युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर स्वरोजगार के मंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं।वह भी जो सम्मानजनक भी है। 10 कोर्सों के प्रवेश जारी हैं। आपात स्थिति को देखते हुए छात्र छात्राओं को निर्धारित 30 से भी कम पर प्रवेश दिया जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन के हालातों ने भी युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित किया है। 


राशिद ने यहां इंस्टिट्यूट रूरल ऑफ मेडिकल की स्थापना इसी उद्देश्य की थी कि एक गरीब का बच्चा भी सम्मानजनक स्थिति में स्वरोजगार पा सके। उसके लिए उन्होंने यहां रिम्स हॉस्पिटल में ऑप्टिशियन फिजियोथैरेपी के प्रशिक्षण का पूरा प्रबंध किया हुआ है। यहां युवाओं को विभिन्न प्राकृतिक चिकित्सा की बारीकियों से समझा कर इस लायक बनाया जाता है कि वह कहीं भी अपना चिकित्सालय भी चलाकर लोगों के दुख दूर कर खुद भी सम्मानित जीवन जी सकेंगेे।


डॉक्टर राशिद ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री कॉलेज न होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे छात्र होते हैं जो इंटरमीडिएट के बाद आगे पढ़ाई नहीं कर पाते ऐसे युवा फिजियोथैरेपी ऑप्टिशियन व अन्य प्राकृतिक चिकित्सा में प्रशिक्षित होकर खुद रोजगार से जुड़ जाते हैं। उसके लिए सरकार के मापदंड पूरे करने पर संस्थान को इन चिकित्सीय प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें 2 वर्षीय कोर्स की डिग्री भी मिलती है जो पूरे देश में उक्त चिकित्सकीय क्षेत्र में नौकरी मिलने के भी काफी अवसर बड़े हैं क्योंकि अब लोग प्राकृतिक चिकित्सा की ओर बढ़ रहे हैं। अभी इन विषयों के कम विशेषज्ञ होने के कारण उनके लिए सुअवसर के दरवाजे खोल रहा है। 


उन्होंने बताया कि यहां प्रशिक्षण लेने वाले छात्र छात्राओं के लिए हॉस्पिटल भी है जिसमें उन्हें प्रैक्टिकल ज्ञान भी हो सके। अब गांव का बेटा भी अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखकर खुद पर गर्व महसूस कर सकता है और लोगों की सेवाएं कर समाज में सम्मान सहित खड़ा हो सकता है। 


 


चिकित्सा व शिक्षा दोनों ही उपलब्ध 


 


डॉक्टरी में डिप्लोमा की पढ़ाई और उचित सुलभ चिकित्सा वह भी हर समय


 


जरूरतमंद लोगों को रावली रोड स्थित रिम्स हॉस्पिटल के संस्थापक डॉक्टर राशिद सैफी ने कहते हुए बताया कि मुरादनगर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में आसानी से चिकित्सा व शिक्षा दोनों ही उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें छात्रों को प्रमाण पत्रों के साथ अनुभव के साथ चिकित्सकीय कार्य की शिक्षा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि रूरल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के नाम से लगभग 6 - 7 वर्षों से यह संस्थान चलाया जा रहा है। यह संस्थान 2014 में स्थापित किया गया। संस्थान के संस्थापक डॉ० राशिद सैफी का कहना है कि यह संस्थान हम ने इसलिए शुरू किया जिससे आर्थिक रूप से कमजोर और पढ़ाई में होनहार बच्चे यहां से डॉक्टरी में डिप्लोमा वह प्रेक्टिकल अनुभव कर अपना करियर बना पाएं। और आसपास के लोगों को हर समय चिकित्सा सेवा मिल सके इस संस्थान के साथ ही डॉ० राशिद ने छात्रों की प्रैक्टिस सुविधा के लिए रिम्स के नाम से अस्पताल की भी स्थापना की। जिससे आसपास के डिप्लोमा धारक छात्र-छात्राएं भी यहां पर प्रैक्टिस कर अपना सफल करियर बना सकते हैं।


इस संस्थान को उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी द्वारा संबंधता प्राप्त है। संस्थान को फिजियोथैरेपी डिप्लोमा, ऑप्टोमेट्री डिप्लोमा व ओटी टेक्निशियंस उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के लिए रिम्स हॉस्पिटल में सभी प्रकार के जनरल फिजिशियन व स्त्री रोग विशेषज्ञ व फिजियोथैरेपी, नेचुरलपैथी की व्यवस्था है। 


डॉक्टर राशिद का कहना है कि उनका उद्देश्य है, कि मरीज को सस्ती व सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा सकें। साथ ही शिक्षा उपरांत छात्र व छात्राओं को मेडिकल प्रशिक्षण में सहायता प्रदान कर सकें। हॉस्पिटल में एमडी मेडिसिन, एमबीबीएस, जनरल प्रैक्टिशनर व स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा सभी प्रकार की जच्चा-बच्चा की सुविधा उपलब्ध है। सभी रोगों की जांच व भर्ती कम शुल्क पर सेवा के रूप में इलाज की सेवा उपलब्ध है। उनका कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य समाज के अभिन्न अंग है। इस क्षेत्र में निस्वार्थ व लगन शीलता के साथ समाज की सेवा करना संस्था का मुख्य उद्देश्य है। राशिद ने कहा कि क्षेत्र में आपातकालीन चिकित्सा के उचित साधन न होने के कारण लोगों को दूर जाना पड़ता था लेकिन अब हमारा संस्थान उस कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। 


 


 


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