ड्रेस वितरण में भारी धांधली - विकास यादव 

ड्रेस वितरण में भारी धांधली - विकास यादव 



मुरादनगर। जिला पंचायत सदस्य सपा नेता विकास यादव ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए निशुल्क ड्रेस वितरण में भारी धांधली का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बड़े पैमाने में धांधली हो रही है जबकि अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि ड्रेस वितरित करने के लिए खंड विकास कार्यालय पर पंजीकृत स्वयं सहायता समूह द्वारा ही ड्रेस की आपूर्ति कराई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से ड्रेस में घोर लापरवाही बरती जा रही है। 


अधिकारी और ठेकेदार कुछ अपने चहते समूहो को ड्रेस आपूर्ति का काम दे रहे हैं जिससे कि मोटा कमीशन ले सकें। जबकि जिले में चार खंड विकास कार्यालय हैं और उनमें लगभग 700 की संख्या में स्वयं सहायता समूह है तथा पूर्ति के लिए मात्र 15 से 20 स्वयं सहायता समूह को चयनित किया गया है। अकेले ही खंड विकास कार्यालय मुरादनगर में 184 पुराने स्वयं सहायता समूह जो कि वर्तमान में सक्रिय हैं और 6 स्वयं सहायता समूह अभी पंजीकृत हुए हैं। इस प्रकार खंड विकास कार्यालय में 190 स्वयं सहायता समूह है लेकिन अधिकारी केवल अपने चंद चहेते स्वयं सहायता समूह को ही आपूर्ति का कार्य दे रहे हैं। 


कोविड-19 के चलते बहुत फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं जिससे लोगों का रोजगार पहले से ही छिन चुका है। जिस कारण उनके घर का गुजारा होना मुश्किल है। 


बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद के एक पत्र द्वारा सभी खंड बेसिक शिक्षा अधिकारीयों को निर्देशित किया गया है कि मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद के अध्यक्षता में 27 मार्च 2020 को एक बैठक आहूत की गई जिसमें केवल 15- 20 निर्धारित स्वयं सहायता समूह को ही विद्यालय में ड्रेस की आपूर्ति के लिए आमंत्रित किया गया है। जबकि उससे भी पुराने पुराने खंड विकास कार्यालय में स्वयं सहायता समूह है जो कि इस काम को कम पैसों में भी कर सकते हैं और शिक्षा विभाग के कई लाख रुपए बच सकते थे जो कि बच्चों के लिए अच्छे खाने पीने के लिए खर्च किए जा सकते हैं। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों के लिए साल में एक बच्चे को दो-दो ड्रेस की आपूर्ति की जाती है। ड्रेस की आपूर्ति करने के लिए विकास कार्यालय में स्वयं सहायता समूह में जो महिलाएं होती हैं। 


उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से ड्रेस की आपूर्ति उनके द्वारा की जाती है लेकिन गरीब लोगों को काम न मिल कर इस में भी ठेकेदार अपने चहेते स्वयं सहायता समूह को ड्रेस की आपूर्ति का काम दिला कर किसी फैक्ट्री आदि में निम्न गुणवत्ता की और अत्यंत खराब ड्रेस की आपूर्ति करा कर मोटी कमाई का खेल खेल रहे हैं जिसमें कुछ अधिकारियों के भी मिलीभगत है। 


प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई थी तब सरकार की तरफ से आमजन को आश्वस्त किया गया था कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन लोगों को दिया जाएगा लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है जो गरीब बच्चों को पहनने वाले कपड़े में भी कमीशन खोरी कर रहे हैं। 8 साल के बच्चे को 5 साल के बच्चे के कपड़े पहनने पड़ रहे हैं और 10 साल के बच्चे को 8 साल के बच्चे के कपड़े पहनने को मजबूर हैं और ड्रेस में प्रयोग किए जाने वाले कपड़े की गुणवत्ता इतनी खराब है। वह चार बार की धुलाई में ही खराब हो जाता है और ना ही ड्रेस की आपूर्ति समय से की जाती है। 


 


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