कांग्रेस के अस्तित्व को खतरा

कांग्रेस के अस्तित्व को खतरा



मुरादनगर। यहां कांग्रेसियों में ही आपस में जूतों में दाल बट रही है। ऐसे में क्षेत्र में कांग्रेस के अस्तित्व समाप्त होने का खतरा बढ़ रहा है। एक समय नगर में कांग्रेस की तूती बोला करती थी। कांग्रेस के छोटे से छोटे पदाधिकारी को जहां सरकारी अधिकारी प्रमुखता से लेते थे वहीं पार्टी में भी मान सम्मान था। अब यह तो पार्टी के बड़े नेता ही जाने की किस को किस पद पर बैठाना है जिससे बिगड़ते हुए माहौल को संभाला जा सके।


आज कांग्रेस में अधिकांश ऐसे लोग काबिज हैं जिन्हें क्षेत्र के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है। क्षेत्र की जानकारी ही नहीं होगी तो वहां की समस्याएं कौन उठाएगा। विपक्ष तभी मजबूत बन सकता है जब उसे जनता कार्यकर्ताओं का सहयोग मिले। नगर में अभी कहीं-कहीं नाली में पानी रुकने की खबर भी अखबार में छप जाती है। मुरादनगर में बसी ईदगाह कॉलोनी में बड़ी आबादी है। शुरुआती दिनों में इस कॉलोनी की स्थिति यह थी कि सड़कें तो क्या कालोनियों में खरंजा तक नहीं थे। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। 1 वर्ष बरसात के दौरान ईदगाह कॉलोनी में कई बच्चों बड़ों की मौत संक्रामक रोगों के फैलने के कारण हो गई थी। ईदगाह वाला मैन रोड़ उस समय कीचड़ युक्त तालाब लगता था। उस वक्त मुकेश सोनी ने लोगों के दुख दर्द को समझते हुए यहां के कांग्रेसियों से अपील की थी कि लोगों की मदद की जाए। कांग्रेसी नेताओं मुस्तकीम, स्वर्गीय चौधरी मदन पाल, महताब पठान राजेंद्र वर्मा, जनार्दन निकम्मी, तोहिद आलम कुरेशी, नेताजी नूर कुरेशी, स्वर्गीय विवेक त्यागी, रियासत अली कुछ साथियों के नाम तक भी उन्हें अब याद नहीं है। लेकिन उस समय कांग्रेस ने मुरादनगर के एक ईदगाह कॉलोनी गंदगी के साथ ऐसे हालात थे जैसे वह क्षेत्र अभिशाप बन गया। गंदगी सबसे बड़ी समस्या को हल किया था। नेता सहयोग के लिए खड़े हुए। उनके खड़े होने से प्रशासनिक हलकों में भी खलबली मच गई थी।


उस समय कांग्रेसियों का ही प्रताप था कि प्रमुख सचिव गृह को मुरादनगर की ईद गाह बस्ती में पेंट ऊपर चढ़ा कर कीचड़ में चलना पड़ा था और वहीं से उन्होंने अधिकारियों को त्वरित लोगों की समस्याएं दूर करने के आदेश दिए थे। उसके बाद इस कॉलोनी के बहुत से ठेकेदार बन गए हैं। असलियत यह हो गई है कि कांग्रेसी जनता से दूर पदों के पीछे भाग रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी धरातल की ओर जा रही है। वह जमाना अब नहीं रहा कि किसी को भी थोप दो कार्यकर्ता उसे सहन करेगा। कार्यकर्ता सम्मान चाहते हैं। कार्यकर्ता पार्टी को उभारना चाहते हैं लेकिन उन्हें सम्मान देना तो दूर की बात पूछने तक को कोई तैयार नहीं। यही कारण है कि मुरादनगर में कांग्रेस लापता सी हो गई है।


हाईकमान ने शीघ्र ही इस मामले में हस्तक्षेप कर पात्र लोगों को कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाना सुनिश्चित किया जाए तभी पार्टी के कार्यकर्ताओं में कुछ जोश और खरोश पैदा हो सकता है। हालांकि पदों से विशेष कुछ नहीं होता। व्यक्ति में एक जिम्मेदारी का एहसास जागृत हो जाता है और वही कार्यकर्ता पार्टी को और घटने से रोक सकते हैं। 


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