बंदरों के मामले में मुरादनगर अमेरिका से धनी
बंदरों के मामले में मुरादनगर अमेरिका से धनी
मुरादनगर। क्षेत्र में ज्यादा बंदरों के उत्पात से लोग परेशान हैं। अक्सर ऐसी शिकायतें अखबारों में छपती हैं। लोग अधिकारियों से बंदरों के उपद्रव से बचाने हेतु कार्रवाई की मांग समय-समय पर करते रहते हैं। मुरादनगर के लोग अमेरिका से भी अमीर हैं। अंतरराष्ट्रीय तनाव के चलते अमरीका को मेडिकल ट्रायल के लिए बंदर मिलने में कठिनाई होने लगी है। अभी तक अमेरिका चीन से बंदर मंगाता था। तनातनी के माहौल में चीन ने अमरीका को बंदर देने बंद कर दिए जिसके कारण वहां गंभीर संकट पैदा हो गया है। मनुष्यों के लिए बनाई जाने वाली अधिकांश दवाइयों वैक्सीन आदि का परीक्षण बंदरों पर किया जाता है। क्योंकि मनुष्य का सबसे निकटतम प्राणी बंदर ही है।
अमेरिका में कई दवाइयों के ट्रायल बंदर न मिलने के कारण पूरे नहीं हो सके हैं। बंदर को बजरंगबली के रूप में इसीलिए देखा जाता है कि एक बंदर लाखों लोगों की जान बचाने में काम आने वाली दवा का दुष्परिणाम सबसे पहले बंदर ही वैज्ञानिकों को बताता है। बंदर न होने की स्थिति में मेडिकल विज्ञान खतरे में पड़ सकता है। इस बारे में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राधेश्याम दहिया का कहना है कि अधिकांश नई खोजों में बंदरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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