कहाँ गुम हो गयी अखिर बसपा
कहाँ गुम हो गयी अखिर बसपा
मुरादनगर। पता नहीं क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी कहां लापता हो गई है। एक समय वह था जब मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विजयी हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजपाल त्यागी को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिला कर उपचुनाव कराया था और बसपा उम्मीदवार के रूप में वह भारी बहुमत से जीते थे। उसके बाद भी पार्टी का जलवा मुरादनगर क्षेत्र में कम नहीं हुआ। बीएसपी से वहाब चौधरी विधायक चुने गए। पालिका अध्यक्ष के चुनावों में भी बहुजन समाज पार्टी ने यहां विजय हासिल की थी। चेयरमैन विधायक मंत्री बहुजन समाज पार्टी से इस क्षेत्र से चुने गए। बसपा की धमक ऐसी लगभग 75% वाहनों पर बसपा के झंडे दिखलाई देते थे। पदाधिकारी नेता अनगिनत थे। पार्टी ने राजपाल त्यागी के बाद वहाब चौधरी पर अपना भरोसा जताते हुए उन्हें विधानसभा का टिकट दिया और वह विधायक भी बने।
पार्टी ने किन्ही कारणों के कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया लेकिन एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी ने नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के चुनाव में वहाब चौधरी को चुनाव में उतारा लेकिन इस बार उन्हें बसपा का कोई लाभ नहीं मिला और भाजपा ने चुनाव में बाजी मार नगर पालिका चेयरमैन अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी बसपा की कम पकड़ नहीं थी। मुरादनगर जिला पंचायत सदस्य के पति ग्राम असालत नगर के प्रधान विनोद गौतम को पूरे जिले की जिम्मेदारी मिली थी लेकिन वह भी पार्टी के छिटक रहे जनाधार को रोकने में नाकाम रहे। आज की स्थिति यह है कि आम लोगों को यह भी पता नहीं चल रहा कि बसपा का कोई नेता क्षेत्र में है या नहीं। पार्टी ने जनाधार वाले नेताओं को किनारे कर हवाई लोगों को पार्टी की बागडोर सौंप दी। जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं की अनदेखी भी पार्टी की ऐसी हालत के लिए जिम्मेदार है। आलाकमान द्वारा कार्यकर्ताओं के महत्व को नहीं समझा गया और वह भी पार्टी से विमुख हो गए।
पार्टी ने यदि अभी भी अपनी गलतियां ठीक नहीं की तो आने वाले चुनावों में बसपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि आगामी पंचायत चुनाव पार्टियां अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी। ऐसे में उसके प्रत्याशियों का क्या होगा। यही हालात रही तो शायद क्षेत्र में पार्टी का खाता भी ना खुले।
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