दिनदहाड़े दंपति को लूटा तांत्रिक हत्याकांड में भी पुलिस के हाथ खाली

दिनदहाड़े दंपति को लूटा तांत्रिक हत्याकांड में भी पुलिस के हाथ खाली



मुरादनगर। दिन निकलते ही सरेराह बदमाशों ने दंपति से नगदी मोबाइल आदि लूट लिए तांत्रिक हत्याकांड में भी पुलिस अंधेरे में ही तीर मारती नजर आ रही है। 3 दिन में पुलिस तीन कदम भी आगे नहीं बढ़ पायी है। बदमाश बेखौफ होकर घटनाओं को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं जिससे क्षेत्र में जंगलराज की परिस्थिति बन गई है। गंभीर घटनाओं के कारण जहां लोगों में भय व्याप्त है वहीं अपराधों के बाद उनके खुलासे न होने के कारण लोगों में आक्रोश है। प्रदेश के मुखिया अपराधियों पर शिकंजा कसने की बात कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस शायद उनकी वचनबद्धता को भी गंभीरता से नहीं ले रही जिसके कारण लूट हत्या जैसे गंभीर अपराध दिनदहाड़े हो रहे हैं लेकिन पुलिस सांप निकलने के बाद लकीर पीटती नजर आ रही है। गांव शोभापुर निवासी कृष्ण शनिवार की सुबह घर से किसी रिश्तेदारी में जाने के लिए निकले थे। 
वह गांव से मुख्य हाईवे के लिए पैदल ही जा रहे थे। पीछे से आए दो बाइक सवार बदमाशों ने हथियारों के बल पर उनके साथ लूटपाट की बदमाश मोबाइल ₹3000 नगद लूट ले गए जबकि घटनास्थल से थोड़ी दूर पर ही पुलिस की पीसीआर वैन रहती है लेकिन बदमाश फिर भी घटना को अंजाम देकर आराम से फरार हो गए।  19 फरवरी को दिनदहाड़े तांत्रिक सूफी आस मोहम्मद कि भरे बाजार तलवार से गोदकर हत्या कर दी गई। जहां अधिकारी जल्द ही बदमाशों को पकड़ने का आश्वासन लोगों को देकर आए थे। उस पर पुलिस कुछ भी आगे नहीं बढ़ पाई हत्याकांड के बाद पुलिस ने घटनास्थल आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की लेकिन उनसे भी पुलिस को कोई मदद नहीं मिल पाई। 
हालांकि पुलिस के अधिकारी कह रहे हैं कि इस मामले में विभाग की पांच टीमें कार्य कर रही हैं लेकिन किसी टीम को हत्या के कारण हत्यारों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है जिसके कारण लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 
पुलिस को बदमाश खुली चुनौती देते हुए दिनदहाड़े  सरे रहा  बेरहमी से कत्ल करते हैं और आधा घंटा तक मृतक पर वार होते रहे लेकिन शायद उस समय पुलिस कहीं और व्यस्त रही होगी। इसलिए बदमाशों के फरार होने के बाद घटनास्थल पर पहुंची और पंचनामा पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसी कार्रवाइयों की खानापूर्ति कर अटक गई। इससे आगे जो होना था वह नहीं हुआ। अभी तक हत्या के कारण हत्यारों की पहचान तक पुलिस नहीं कर पाई है। पुलिस के इसी रवैया के कारण क्षेत्र में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं और शायद कानून के रखवाले के सूत्र अभी बंद हैं। पुलिस तांत्रिक हत्याकांड में किन स्तरों पर जांच कार्रवाई कर रही है। यह तो वही जाने घटना को अंजाम देने वाले बदमाश पहचान के डर से मुंह छिपा लेते हैं लेकिन यहां हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों बदमाश बेखौफ पूरी पहचान के साथ घटना को अंजाम दिया। लोगों ने उनके चेहरे देखे लेकिन किसी ने पहचाना नहीं। हो सकता है बदमाश किसी और से क्षेत्र से यहां कत्ल करने के लिए आए थे। 
पुलिस त्वरित कार्रवाई करती तो शायद कातिल पकड़े जाते लेकिन पुलिस को बदमाशों का पीछा करने के बजाय लीपापोती में ज्यादा विश्वास है। पंचनामा भरने से पहले यदि पुलिस क्षेत्र में दौड़ लगाती तो बाइक सवार बदमाशों को पकड़ना कोई बड़ी बात नहीं थी। पुलिस अभी तक कई कहानियां गढ़ रही है लेकिन किसी भी कहानी का अंतिम भाग पुलिस नहीं लिख पाई है। दोनों वारदातों ने पुलिस की गश्त सक्रियता की भी पोल खोल दी है। यदि दिनदहाड़े ऐसे अपराध होते रहे लोगों को डर के कारण घरों से निकलने के लिए भी सौ बार सोचना पड़ेगा। क्षेत्र में अपराध बढ़ने का मुख्य कारण है। पुलिस अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बजाय पीड़ितों को ही समझाने में लग जाती है और बदमाश एक और नई वारदात को अंजाम दे देते हैं।

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