जीडीए बना भ्रष्टाचार प्राधिकरण, उगाही के लिए चलता है बुलडोजर

जीडीए बना भ्रष्टाचार प्राधिकरण, उगाही के लिए चलता है बुलडोजर



मुरादनगर। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण मुरादनगर क्षेत्र में आए दिन अवैध कालोनियों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की खानापूर्ति करता है। उसकी इस कार्यप्रणाली को लेकर लोग अब उसे विकास नहीं भ्रष्टाचार प्राधिकरण कहने लगे हैं। प्रत्येक नव निर्माण चाहे वह कॉलोनाइजर द्वारा विकसित की जाने वाली कॉलोनी या किसी का मकान दुकान जीडीए के कर्मचारियों अधिकारियों को चढ़ावा चढ़ाने से पहले नहीं हो सकता। जब तक सेटिंग नहीं होती तब तक न कॉलोनी बस्ती है और ना मकान दुकान बनते हैं। यदि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यकलापों की गोपनीय जांच हो जाए तो उसके सारे गड़बड़ झाले खुल सकते हैं और लोगों को राहत मिल सकती है।
 पिछले 6 महीने में विकास प्राधिकरण द्वारा कितनी अवैध कालोनियों पर बुलडोजर चला क्या कार्रवाई हुई इसका खुलासा प्राधिकरण द्वारा पहले जिन कालोनियों में तोड़फोड़ की कार्रवाई करते हुए उन्हें अवैध घोषित किया गया था वह कॉलोनी अब आबाद हैं। उनमें सैकड़ों की संख्या में मकान भी बन गए हैं। कॉलोनाइजरो के खिलाफ भी कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई जिससे भविष्य में ऐसी अवैध बताई जाने वाली कालोनियां विकसित होने से रुक सके। जीडीए का बुलडोजर तब तक ही चलता है जब तक विभाग को चढ़ावा नहीं चढ़ता। विकास शुल्क की जगह सुविधा शुल्क मिलते ही अवैध निर्माण वैध हो जाते हैं। 
जीडीए वाले उस और दोबारा जाकर जागते भी नहीं है यदि पिछले दिनों जीडीए द्वारा अवैध बताते हुए थोड़ी बहुत तोड़ी गई कालोनियां कैसे आबाद हो गई यह जांच का विषय है। विभाग वाले अपनी कार्रवाई का ढिंढोरा खूब पीटते हैं। मीडिया को भी शेयर किया जाता है। लेकिन यह जवाब कोई भी अधिकारी देने के लिए तैयार नहीं है कि जिस कॉलोनी को 6 माह पूर्व अवैध घोषित किया गया था वह आबाद कैसे हो गई। विभाग के उच्चाधिकारी यदि वाकई ईमानदारी से कार्य चाहते हैं तो जिन कालोनियों को कुछ महीनों पहले ध्वस्त किया गया था उनकी जांच कराएं कि बुलडोजर चलने के बाद भी वह कालोनियां कैसे विकसित हो गई, मकान बन गए। लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में विकास प्राधिकरण के अधिकारी कर्मचारी लोगों को डरा धमका कर सिर्फ अपना विकास कर सरकार को चूना लगा अवैध विकास करा रहे हैं जिससे चढ़ावा नहीं पहुंचता वहां तोड़फोड़ की जाती है और फिर उन्हीं स्थानों पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनी दिखलाई देने लगती हैं।

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