फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा नहीं होते तो स्थिति और खराब होती : हरमीत सिंह गुजराल
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इन आर्थिक सैनिकों ने हमारी अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए महामारी के दौरान वित्तीय सेवाओं का प्रवाह सुनिश्चित किया है, उसी चमकती अर्थव्यवस्था पर हमारी सरकार शेखी बघार रही हैं। बैंकरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, फिर भी उनके लिए टीकाकरण की उम्मीद तेजी से फीकी पड़ रही है।सरकार को जल्दी ही कोई ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और बैंकरों और वित्तीय सेवाओं के कर्मचारियों के लिए टीकाकरण और उचित देखभाल सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भारत फिर से चमक सके।
हरमीत सिंह गुजराल
जनरल सेक्रेटरी
बैंक आफ इंडिया, आफिसर एसोसिएशन नोर्थ वेस्टर्न यूनिट
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