खुदरा बाज़ार ना खुलने से व्यापारियों मे निराशा - शहज़ाद चौधरी

खुदरा बाज़ार ना खुलने से व्यापारियों मे निराशा - शहज़ाद चौधरी 



मुरादनगर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मुरादनगर अध्यक्ष शहज़ाद चौधरी ने कहा कि भारत का खुदरा बाजार देश की वितरण व्यवस्था की रीढ़ है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा जनसंख्यक राज्य है। जिसकी विभिन्न आपूर्तियो की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण बिंदु है। पिछले वर्ष से अब तक कोरोना महामारी की आपदा के कारण  काफी जनहानि हुई है कोरॉना को फैलने  से रोकने के लिए नागरिकों को अपने निवास में  बने रहना और खुदरा बाजार को बंद करना अनिवार्य था।  लॉकडाउन में ढील देने का मतलब कोरोना के कहर को बढ़ावा देना था। आज उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लगभग 1 माह हो चुका है और कुछ जिलों में लॉक डाउन को और आगे बढ़ा दिया गया है यह सरकार का सही निर्णय हो सकता है लेकिन यहां के व्यापारियों में निराशा बढ़ गई है।

आज एक और तो नागरिकों को जीवन उपयोगी वस्तुएं मिलना कठिन हो गई है वह खुदरा व्यापारियों को बाजार बंद होने से कहीं तो उनकी दुकानें व गोदामों में माल दूषित हो रहे हैं माल ना बिकने के कारण खुदरा व्यापारियों पर दिन प्रतिदिन आवश्यक धन का अभाव भरता जा रहा है यहां तक कि वह पानी बिजली मजदूरी कर्मचारियों के वेतन में ट्रांसपोर्ट के खर्चे देने में असमर्थ हो रहे हैं। व्यापारियों को लॉक डाउन  खुलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन गाज़ियाबाद मे कोई छूट ना मिलने से व्यापारी  बहुत निराश है। उत्पाद नहीं भेजेंगे तो कराधान कैसे होगा उस अवस्था में राजस्व ना मिलने से देश की खरबो की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति कैसे होगी अतः लोग डाउन व्यवस्था की भी सीमा होनी चाहिए यानी कि खुदरा बाजार खुलेंगे तो अर्थव्यवस्था का सुरक्षा चक्र भी घूमेगा। इन जिलों में भी खुदरा बाजारों को समय सीमा के आधार पर सामाजिक दूरी मास्क और सैनिटाइजर का पालन करते हुए तुरन्त खोला जाए ताकि आर्थिक चक्र दोबारा पटरी पर आ सके।

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