जनपद की सहकारी समितियों को और अधिक सुदृढ़ बनाने एवं आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की होगी कार्यवाही

जनपद की सहकारी समितियों को और अधिक सुदृढ़ बनाने एवं आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की होगी कार्यवाही


जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक संपन्न। संबंधित अधिकारियों को सहकारी समितियों के जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ बनाने तथा आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने की डीपीआर तैयार करने के दिए गए निर्देश।


गाज़ियाबाद। जनपद में संचालित सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने एवं उन्हें आर्थिक प्रगति की ओर बढ़ाने के उद्देश्य से शासन के निर्देशों के अनुपालन में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत डीपीआर तैयार करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रथम बैठक आयोजित की गई।



जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि शासन की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत जनपद में संचालित समस्त प्रकार की सहकारी समितियां को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने के उद्देश्य से यह एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। अतः समस्त विभागीय अधिकारीगण अपने-अपने विभाग से संबंधित संचालित सहकारी समितियों को आगे बढ़ाने तथा उनको सुदृढ़ बनाने एवं सभी सहकारी समितियों को आर्थिक निर्भर बनाने की डीपीआर इस प्रकार तैयार करें ताकि जनपद की संचालित सहकारी समितियां आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत बन सकें। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारी समितियों को 20% सब्सिडी के आधार पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। अतः विभागीय अधिकारियों के द्वारा सभी सहकारी समितियों का डीपीआर तैयार करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि संचालित सहकारी समितियों का आर्थिक विकास और अधिक तेजी से आगे बढ़ सके। प्रोजेक्ट तैयार करते समय सभी अधिकारियों द्वारा यह विशेष ध्यान दिया जाए कि जो कार्य प्रोजेक्ट के अंतर्गत रखे जाएं उनसे संबंधित समिति का विकास आगे बढ़ सके। सभी जिला स्तरीय अधिकारी गण जिनके अधिनस्थ जनपद में विभिन्न सहकारी समितियां संचालित हैं, उनको सुदृढ़ एवं आर्थिक विकास की दृष्टि से मजबूत बनाने के उद्देश्य से शासन एवं सरकार के बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। अतः इसमें गंभीरता दिखाकर विभागीय अधिकारियों द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रोजेक्ट तैयार कर प्रस्तुत करने की कार्रवाई करें ताकि सभी सहकारी समितियों को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगली जिला सहकारी समन्वय समिति की बैठक में सभी प्रस्तुत किए गए प्रोजेक्ट पर विचार विमर्श करते हुए स्वीकृति की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों का आह्वान किया है कि जनपद की सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारी समितियों को आगे बढ़ाने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सभी सहकारी समितियां अपने कर्मचारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करा सकते हैं। यह कार्यक्रम सभी सहकारी समितियों में निशुल्क रूप में कराया जाएगा। अतः सभी संबंधित समितियां इस कार्यक्रम का अत्यधिक लाभ उठाएं ताकि जनपद की संचालित सभी सहकारी समितियां आत्मनिर्भर बन सकें।


इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का कृषि विभाग से संबंधित संचालित 24 सहकारी समितियों, मार्केटिंग सोसायटी एक, मिल्क कोऑपरेटिव सोसायटी 20, मत्स्य सहकारी सोसाइटी दो, बुनकर सहकारी समितियां 6, इंडस्ट्रियल सहकारी समितियां 6, गन्ना समिति एक, डिस्टिक कोऑपरेटिव 16, तथा भूमि विकास बैंक सहकारी समिति 3 को इस कार्यक्रम का लाभ प्राप्त होगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिविल वर्क इन्फ्राट्रक्चर एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 50% ऋण 30% कैपिटल शेयर एवं 20% की सब्सिडी प्राप्त होगी।


इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में प्रशिक्षण का कार्यक्रम सभी को निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। अतः सभी अधिकारी गण सरकार की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का अधिकतम लाभ उठाएं ताकि जनपद की सभी सहकारी समितियों को और अधिक आर्थिक निर्भर बनाया जा सके। आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में सहायक निबंधक सहकारी समितियां, उप आयुक्त जिला उद्योग केंद्र, उप निदेशक कृषि जिला उद्यान अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के द्वारा भाग लिया गया।


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