सर्राफा व्यापार मंडल ने मनाई जयंती
सर्राफा व्यापार मंडल ने मनाई जयंती मुरादनगर। सर्राफा व्यापार मंडल ने यहां संस्था के अध्यक्ष लोकेश सोनी के कार्यालय पर महाराजा अजमीढ़ जी की जयंती पर लघु कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके पर लोकेश सोनी ने कहा कि राजस्थान में प्रसिद्ध अजमेर, जिसका प्राचीन नाम अज्मेरू था, शहर बसाकर मेवाड़ की नींव रखने वाले महाराज अजमीढ़ जी, मैढ़क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदि पुरुष माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाराज अजमीढ़, ब्रम्हा द्वारा उत्पन्न अत्री की 28वीं पीढ़ी में त्रेता युग में जन्मे थे। वे मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के समकालीन ही नहीं बल्कि उनके परम मित्र भी थे। महाराजा अजमीढ़ जी के पिता का श्रीहस्ति थे, जिन्होंने महाभारत काल में वर्णित हस्तिनापुर नगर को बसाया था। अजमीढ़ जी जेष्ठ पुत्र होने के कारण हस्तिनापुर राजगद्दी के उतराधिकारी हुए और बाद में अजमीढ़जी प्रतिष्टानपुर (प्रयाग) एव हस्तिनापुर दोनों राज्यों के भी सम्राट हुए। प्रारंभ में चन्द्रवंशीयों की राजधानी प्रयाग प्रतिष्टानपुर में ही थी। हस्तिनापुर बसाये जाने के बाद प्रमुख राज्यगद्दी हस्तिनापुर हो गई। इस बारे में श्