ऐसे लोग जिन्हें मंज़िल खुद तलाश करती है - मुहम्मद इरफान 

ऐसे लोग जिन्हें मंज़िल खुद तलाश करती है  - मुहम्मद इरफान 


 



राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2020 का रिज़ल्ट घोषित हो चुका है। इस परीक्षा में राउरकेला (उड़ीसा) के रहने वाले शुऐब आफताब ने 720 में से 720 नंबर हासिल कर प्रथम स्थान को अपने नाम करके इतिहास रचा है और दूसरा स्थान कुशीनगर (यू पी) की आकांशा सिंह के नाम है। आकांक्षा सिंह ने भी 720 में से 720 अंक प्राप्त किये हैं। नीट के नियमानुसार यदि स्टूडेंट के अंक समान आते हैं तो रैंकिंग "टाइबरैकिंग फार्मूले की नीति " के तहत तय की जाती है। इस में प्रतिभागी के विषय वार अंक, परीक्षा में दिये गए ग़लत उत्तरों की संख्या और उनकी आयु को महत्व दिया जाता है। समान अंक मिलने पर बायोलॉजी में सर्वाधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिक्ता दी जाती है। बायोलॉजी के अंक भी समान हों तो केमिस्ट्री के अंकों के आधार पर रैंकिंग तय होगी। यदि इन दोनों विषयों में भी अंक समान हैं , औऱ दिए गए ग़लत उत्तरों की संख्या भी समान है तो प्रतीभागी की आयु के आधार पर रैकिंग तय की जाएगी। इस बार नीट परीक्षा में शुऐब आफताब की आयु 18 और आकांशा सिंह की आयु 17 वर्ष के आधार पर शुऐब आफताब को प्रथम स्थान आयु एक वर्ष अधिक होने के कारण दिया गया है। नीट के नियमानुसार अधिक आयु वाले को महत्व दिया जाता है।


               शुऐब आफताब 2018 में कोटा आये और सर्वोदय इंटर कॉलेज कोटा में प्रवेश लिया , साथ साथ एलन कैरियर इंस्टीट्यूट में कोचिंग करके पहले प्रयास में ही 100 फीसदी अंक हासिल करके इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। शुऐब बचपन से ही बहुत इंटेलिजेंट रहे हैं, 10 वीं कक्षा में 96.8 औऱ 12 वीं में 95.8 फ़ीसदी अंक हासिल कर के अपने स्कूलों और अपने माँ बाप का नाम रौशन किया। के. वी.पी. वाई. में ऑल इंडिया 47 वीं रैंक हासिल की, कोटा में बेस्ट कम्पटीशन से सम्मानित किया गया। शुऐब बायोलॉजी के साथ साथ मैथ्स में भी काफी इंटेलीजेंट रहे हैं। अपनी फ़िज़िक्स और कैमिस्ट्री स्ट्रांग करने के लिए जे. ई.ई.मेंस परीक्षा में भी 99.7 फ़ीसदी अंक प्राप्त किये। इस परीक्षा से उन के अंदर नीट परीक्षा में औऱ अच्छा करने का आत्मविश्वास जागा। शुऐब एम्स से एम.बी.बी.एस. करने के बाद कार्डियोलॉजी में स्पेशीलाइज़ेशन करना चाहते हैं, इसके साथ ही ऐसी बीमारियों का इलाज ढूंढ़ना चाहते हैं जो अब तक लाइलाज हैं।


             ऑल इंडिया नीट में दूसरी रैंक प्राप्त करने वाली आकांशा सिंह पहले सिविल सर्विसेज में जाने की सोच रहीं थीं, बाद में उनका मन बदल गया और इन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए नीट की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। दरअसल, एम्स से प्रेरित होकर उनके मन में डाक्टर बनने का खुवाब जागा। इस वर्ष नीट परीक्षा के पहले पांच टॉपर्स में से तीन महिला अभ्यर्थी हैं। इस वर्ष नीट परीक्षा में 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। देश में 38 हज़ार केंद्रों पर 13 सितम्बर और 14 अक्टूबर को कोविद-19 के कारण दो बार परीक्षा सम्पन्न हुई।


              10 वीं की कर्नाटक बोर्ड परीक्षा 2020 के नतीजे घोषित हुए तो इस परीक्षा में मुहम्मद कैफ मुल्ला को 625 में से 624 अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से टॉपर घोषित किया गया। लेकिन कैफ अपने इन प्राप्तांको से खुश नहीं थे। कैफ ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को दुबारा जांच कराने के लिए अर्ज़ी दी। ताकि वो जान सके कि उसका एक अंक किस विषय में कम रह गया है।जांच के बाद पता चला कि विज्ञान विषय के अतिरिक्त सभी विषयों में उसके अंक 100 फ़ीसदी हैं। चैकिंग के बाद उसका 1 अंक विज्ञान में बढ़ गया और 625 में से 625 अंक प्राप्त होने के कारण मुहम्मद कैफ़ मुल्ला को एकल रूप से टॉपर घोषित किया गया।


             इस बार यू.पी.एस.ई. का आयोजन डॉक्टर अबदुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने 20 सितंबर 2020 को कराया था। जिसका परीक्षा परिणाम 16 अक्टूबर को घोषित किया गया।प्रदेश के 755 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, व फार्मास्युटिकल इंस्टिट्यूट में प्रवेश के लिए आयोजित यू.पी.स्टेट परीक्षा में कुल 91.78 फ़ीसदी अभ्यर्थी सफल हुए। बी.टेक.में मुरादाबाद के संयम सक्सेना, एम.बी.ए. में लखनऊ के गौरव गोविल , बी.फार्मा में मुज़फ़्फ़र नगर की सिद्धि सिंघल, बी.आरक.में दिल्ली की आयुषि पटवारी और एम.सी.ए. में कानपुर के हर्षित ओमर ने टॉप किया। यू.पी.एस. ई. के लिए कुल 1.35 लाख सीटें निर्धारित थीं। मगर कुल 1.34 लाख अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी थी। इस मे 1.23 लाख सफल रहे।परीक्षा के लिए 1.60 लाख अभीयर्थी पंजिकिरत थे। 


           फरह स्थित शारदा ग्रुप के संस्थान हिंदुस्तान कालेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स ने ए. के.टी.यू.लखनऊ की टॉपर लिस्ट में शानदार प्रदर्शन करते हुए बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा शुवेता बाज पेयी ने केमिकल इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मैडल, सिविल इंजीनियरिंग में दीपेंद्र कुमार दीक्षित ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल जबकि इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी की छात्रा हर्षित गुप्ता ने तीसरे स्थान के लिए बिरौन्ज़ मैडल जीत कर अपने संस्थान का नाम रौशन किया।


             देश का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों को सब कुछ तियाग कर अर्जुन की तरह सिर्फ मछली की आंख की तरफ़ धियान लगाना पड़ता है। हर किसी के लिए ऐसा पद प्राप्त करना संभव नहीं लेकिन संसाधनों के अभाव औऱ पारिवारिक कठिनाइयों को हँसते हँसते पार करने वाले मेधावी ही मन्ज़िल पर पहुंच पाते हैं। ये संभव कर दिखाया है छोटे शहरों से लेकर मध्यवर्ग तक के परिवार के इन होनहार नौजवानों ने प्रशासनिक परीक्षा 2019 के लिए सोनीपत के प्रदीप सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक वन, दिल्ली के जतिन प्रसाद दूसरे और सुल्तानपुर की प्रतिभा वर्मा ने तीसरा स्थान और महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त कर दुनिया को ये दिखा दिया कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। सिर्फ हिम्मत और हौसला बरकरार रहना चाहिए और असफलता से डरने के बजाय उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए।


 


आशियां पे आशियाँ तामीर करता जा। 


बिजलियाँ गिरते गिरते खुद बेज़ार हो जाएं ।।


 


  मुहम्मद इरफान (पूर्व. प्रधानाचार्य)


  जे.एल.एम.इ. कालिज कुन्दरकी, मुरादाबाद


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