किसी व्यक्ति का कल्याण करना है तो उसे आत्मनिर्भर बनाकर करें - डॉक्टर अनिला आर्य सिंह
किसी व्यक्ति का कल्याण करना है तो उसे आत्मनिर्भर बनाकर करें - डॉक्टर अनिला आर्य सिंह मित्रों हम चंद कागज के नोट, कुछ पुराने वस्त्र, कुछ भोजन, कुछ कोपी कलम आदि वितरित करके भिखारियों की, आलसियों की, कमजोर सोच वालों की बिरादरी को जन्म देने का काम जाने अनजाने में करते हैं। यद्यपि हमारी मंसा ऐसी नहीं होती है। हम तो बस यह चाहते हैं कि हमसे किसी का कल्याण हो जाए। हमरा मानना है कि हमें ऐसा कुछ करना चाहिए कि वो आत्मनिर्भर बनकल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाएं। उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं ताकि वो सम्मान जनक जीवन जी पाएं । हमें एक बात सदैव सालती है जब खबर मिलती है कि कुछ समाज सेवियों ने गरीब की बेटी की शादी में योगदान देकर सम्पन्न कराई या निर्धन परिवार की बेटियों का विवाह सामूहिकता से करवाया। दान शीलता के चर्चे भी बहुत होते हैं। प्रशंसा भी बटोरते हैं। यकीन मानिए कि हमारा उन्हें हतोत्साहित करने का कोई इरादा नहीं है। हमें ही सयानों ने बताया है कि जितनी बड़ी चादर है उतने ही पैर फैलाओ तो हमें अपने बच्चों के विवाह में ऐसी मदद लेकर अपने और दूसरे पक्ष के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कारण नही