खेत में ईंख की पत्ती न जलाएं किसान

खेत में ईंख की पत्ती न जलाएं किसान


विकासखंड मुरादनगर के ग्राम बड़का आरिफपुर में फसल अवशेष न जलाने के सम्बन्ध में एक खुली बैठक का आयोजन



बड़का। ग्राम प्रधान गीता गौतम की अधक्ष्यता में पंचायत भवन बड़का में की गयी बैठक में बताया गया कि किसान भाई फसल अवशेष गन्ने की पत्ती को खेत में ना जलाएं। इससे भूमि में उर्वरा शक्ति का नुकसान तो होता है, साथ ही वातावरण भी प्रदूषित होता है। इसको जलाने पर पकड़े जाने पर जुर्माना भी वसूला जाएगा।


गन्ने की पत्ती को मलचर की सहायता से काटकर भूमि में मिला दे इससे भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ावा मिलता है या डी कंपोजर की सहायता से सड़ा कर मिट्टी में मिला दें। डी कंपोजर बनाने की विधि है, "दौ सौ लीटर पानी में दो किलो गुड़ और डी कंपोजर को मिला दें, और डंडी की सहायता से चलाते रहें। ये 15 दिन में तैयार हो जाएगा। यह घोल फसल अवशेष को गलाने में बहुत अच्छा है। बैठक में राकेश गौतम, गणेशीलाल एवं कृषि विभाग के चन्दरपाल सिंह, पंचायत विभाग के गौरव कुमार उपसस्थित रहे।


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