कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय  संवार रहा है बेटियों का भविष्य

2008 में की गई थी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की शुरुआत

 

सरकार की शिक्षा को लेकर एक पहल, जो कारगर साबित हुई

 

मुरादनगर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के नाम से एक शिक्षण संस्थान खुला हुआ है।  सरकार ने 2008 में शिक्षा को लेकर एक नई पहल की जो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के नाम से चलाई गई। जो केवल अल्पसंख्यक बच्चों के लिए ही है। जिसमें सिक्ख, जैन, बौद्ध और इसाई के लिए 7% आरक्षण और बाकी आरक्षण मुस्लिम बच्चों के लिए है। पूरे उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय की 746 शाखाएं है। 


जिसमें 4 शाखाएं रजापुर, लोनी, गाज़ियाबाद और पिलखुुआ में हैं। मुरादनगर क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 100 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैैं। जिनका रहने खाने-पीने, ड्रेस बैग कोर्स आदि का खर्चा केंद्र सरकार ही वहन करती है। यह विद्यालय छठी से लेकर आठवीं क्लास तक का है जिसमें हर साल 100 लड़कियां पढ़कर निकलती हैं और 100 लड़कियां पढ़ने के लिए आती हैं। इसमेंं मुस्लिम बच्चियां पढ़कर अपना भविष्य सुधार रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र की उन बच्चियों के लिए भी यह वरदान साबित हो रहा है जो किन्ही कारणों वश स्कूल नहीं जा पाई थी। यहां उनकी परीक्षा के बाद उचित कक्षा में प्रवेश देकर आगे की पढ़ाई का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।


कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रजनी शर्मा ने बताया कि यहां पर उर्दू की पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर क्लासेस भी होती हैं। सभी टीचर्स मानदेय पर काम करती हैं। यहां छात्राओं के खाने के लिए हर दिन अलग-अलग  तरह का खाना बनता है और संडे स्पेशल होता है। इस विद्यालय की जिला स्तरीय कमेटी है, जिसकी अध्यक्ष डीएम होती है। इस विद्यालय में 7 टीचर काम करती हैं। क्लास के लिए चार कमरे हैं, बच्चों के सोने के लिए तीन कमरे, एक वार्डन रूम और एक एक्टिविटी रूम है। जिसमें छात्राएं सांस्कृतिक कार्यक्रम करती हैं।

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