सिंचाई विभाग के नाले की भूमि पर किया गया अवैध रूप से कब्जा, अवैध रास्ता बनाकर की जा रही है अवैध प्लाटिंग

सिंचाई विभाग के नाले की भूमि पर किया गया अवैध रूप से कब्जा


अवैध रास्ता बना कर काटे जा रहे हैं प्लाट, लोगों को किया जा रहा है भ्रमित



मुरादनगर। सिंचाई विभाग के नाले की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर उस पर सड़क बनाकर कॉलोनी काट दी गई। सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपए कीमत की भूमि अवैध तरीके से कब्जे में ली हुई है। शिकायत पर दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है। लेकिन सिंचाई विभाग और पुलिस की मिलीभगत के कारण न तो जमीन कब्जा मुक्त हुई है न आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ही हुई।इस विषय में पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष व मुरादनगर हैंडलूम पावर लूम एसोसिएशन के संरक्षक चौधरी सतपाल सिंह ने अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग मेरठ मंडल को पत्र लिखकर उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है।


इस बारे में उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि "आप के कार्यालय में 21.3. 2013 राधे किशन अरोड़ा मुरादनगर के विरुद्ध इस आशय से दिया था कि राधे किशन अरोड़ा ने खसरा नंबर 41 व 284 ग्राम उखलारसी जो की सिंचाई विभाग द्वारा नाले के रूप में प्रयोग किया जाता है, को पाट कर अवैध कब्जा करा कर रास्ता बना कर अवैध प्लॉटिंग कर रहा है। जिसका जांच उपरांत विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश संख्या 2538/ 27 सि०370/एलएएल 13, दिनांक 20.12. 2013 के पैरा ख के द्वारा निर्देशित किया गया। चेयरमैन पति राधे किशन व अन्य के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाए। जिसके परिपेक्ष में चेयरमैन पति राधे किशन अरोड़ा के विरुद्ध दिनांक 27.08. 2015 को मुकदमा अपराध संख्या 632 /2015 दर्ज हुई। मान्यवर उक्त एफआईआर दर्ज होने के पश्चात मुरादनगर पुलिस ने अभियुक्तों से सांठगांठ कर ली है। मु०अ०स० में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अतः प्रार्थना है की भूमि पर किए गए अतिक्रमण के दृष्टिगत राजस्व विभाग के सहयोग से नाले का निर्माण एवं खुदाई कराकर उसे पुनर्स्थापित करते हुए अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए। जिससे कि नाले के कैचमेंट में किसी भी प्रकार का जल भराव ना हो। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।


पत्र में बताया गया है कि एनएच 58 से आयुध निर्माणी फैक्ट्री की तरफ से पानी की निकासी के लिए बनाया गया है। नाले को अवैध तरीके से बंद कर उस पर सड़क का निर्माण कर दिया गया। जिसके कारण इस कार्य के लिए नाला बनाया गया था वह अवरूद्ध हो गया।" सिंचाई विभाग के नाले को रास्ते की जमीन बताकर लोगों को भ्रमित कर कालोनियों में प्लॉट बेचे जा रहे हैं। जबकि उक्त कालोनियों में जाने के लिए वह  रास्ता अवैध है। उन्होंने पत्र में मांग की है कि जल्दी से जल्दी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा कब्जाई गई भूमि पर दोबारा से नाले का निर्माण कराया जाए।


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