ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया" बनवाने के लिए पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक की सौ दिवसीय '5 करोड़ी हरित पगयात्रा' 87वें दिन दिल्ली पहुँची

ऑक्सीजन बनाने के कारखाने होते हैं पेड़: ग्रीनमैन बघेल


'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' बनने से ही देश को मिलेगी प्रदूषण से मुक्ति: ग्रीनमैन विजयपाल बघेल



गाजियाबाद। 'जनक्राति से हरितक्रान्ति' लाने हेतु भारतवर्ष की ऐतिहासिक पदयात्रा का नेतृत्व करने वाले ग्रीनमैन विजयपाल बघेल ने आज कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या का दंश पूरा विश्व झेल रहा है लेकिन भारत देश में बढ़ते प्रदूषण से हो रहे प्राकृतिक असंतुलन के निदान हेतु व्यवहारिक योजनाओं का अभाव दिखाई दे रहा है। राष्ट्र में आज पर्यावरण आपातकाल की स्थिति है और सांसो का अकाल पड़ रहा है, जिसका मूल कारण घटती हरियाली ही है क्योंकि सांस बनाने के कारखाने माने जाने वाले वृक्ष कम हो रहे हैं। बघेल ने कहा कि मौसम बदलाव के समय तो देश एक गैस चेंबर बन जाता है जिसका दोष दिवाली और पराली को देकर सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके अपने दायित्व का निर्वहन कर लेती हैं। भौतिक युग में प्रकृति सुरक्षा की किसी को कोई चिंता नहीं है जिसके घातक परिणाम भावी पीढ़ियों को झेलने पड़ेंगे। पानी की बोतल की तरह ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चलने की नौबत आ गई है। इस गंभीर समस्या का निदान अब केवल 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' बनाने से ही संभव है जो अरावली पर्वतमाला का 'हरित कवच' बनकर पश्चिमी विक्षोभ के वायु दबाव में आने वाली रेगिस्तान की धूल को रोकने का काम करेगा।



बघेल ने बताया कि पोरबंदर से कुरुक्षेत्र तक 16 सौ किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी 'ग्रीन वैली' विकसित कराए जाने की मांग संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष COP - 14 के माध्यम से उठाई गई थी जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है। 11 दिसंबर के दिन दुनिया 'विश्व पर्वत दिवस' मनाती है उस दिन अरावली पर्वत श्रंखला के अस्तित्व की रक्षा करने और 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' बनवाने की मांग को लेकर 'ग्लोबल ग्रीन पीस मिशन' के तत्वाधान में '5 करोड़ी हरित पगयात्रा' का शुभारंभ गुजरात के पोरबंदर से हुआ है, यह 100 दिवसीय पदयात्रा 4 राज्यों के 28 जिलों से गुजर रही है जो अब दिल्ली पहुँची है। अरब सागर से शुरू होकर गुजरात, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा के कुरुक्षेत्र तक अर्थात हिमालय की तलहटी में शिवालिक पर्वत श्रेणी को छूने वाली इस प्रस्तावित 'ग्रीन वाल' के साथ 16 सौ किलोमीटर लंबी पदयात्रा में 5 करोड़ कदम चलने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर दूरी  इस पदयात्रा के दौरान तय करने में 100 पड़ाव आ रहे हैं। इस राष्ट्रीय पद यात्रा का समापन 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होगा।


ग्रीनमैन बघेल ने बताया कि 11 दिसंबर को गुजरात के पोरबंदर में 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' का भूमि पूजन भारत के राष्ट्रीय वृक्ष बरगद का रोपण करके किया गया तथा जहां जहां यात्रा का प्रवास हो रहा है उन स्थानों पर स्मृति के रूप में प्रतीकात्मक पौधारोपण किया जा रहा है। जन जागरूकता और जन सहभागिता के उद्देश्य से ही इस अनूठी पहल को 'हरित साधना' के रूप में संचालित किया जा रहा है, जो देश की सेहत सुधारने में अपनी अग्रणी भूमिका निभायेगी। इस पदयात्रा में ग्रीनमैन विजयपाल बघेल के साथ नीतू सिंह, एडवोकेट रामवीर सिंह, परविंदर तेवतिया, डा अतुल वेध्य, उमापाल बघेल, मिहिर पाध्या, साध्वी कृष्णा गिरि, राजकुमार वर्मा, सुरेन्दर सिंह, रामप्रकाश अग्रवाल, लज्जा यादव, चंगेज अयूबी, लक्ष्मी वर्मा, आसिफ इब्राहिम, गीताबेन पण्डया, सुनिश कांत सहित अनेक पदयात्री शामिल हो रहे हैं। चारों राज्यों में अलग अलग संचालन समितियों ने जगह जगह पदयात्रियों का स्वागत करते हुये मिशन को पूर्ण समर्थन दिया और जागरूकता सम्मेलन, सेमिनार, रैली, वृक्ष संसद, हरित व्याख्यान, परिचर्चा, बैठक, नुकड़ सभायें आदि के माध्यम से लाखों लोगों को "ग्रीन वाल आफ इंडिया" के महत्व को समझाया गया। मार्ग पर पड़ने वाले सभी विश्वविद्यालय, स्कूल, कालेज, संस्थान, जनप्रतिनिधि, पर्यावरणवादी संगठन, प्रकृति प्रेमी, सरकारी व गैरसरकारी तंत्र सभी को जोड़कर जनांदोलन के रूप में 'ग्रीन वाल आफ इंडिया' बनवाने के दृढ़निश्चयी संकल्प को सिद्ध करने का अथक प्रयास किया जा रहा है। संवाददाता सम्मेलन में लोकेश शर्मा, अभय सिंहा, विजेन्दर पाल, डीके त्यागी, साकेत दिनकर, पंकज त्रिपाठी, अजय सिंह, दिनेश वर्मा, मुकेश बघेल आदि ने मिलकर संयोजन किया।


   


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