शहर की सब्जी मंडी में उड़ाई जा रही हैं कानून की धज्जियां

शहर की सब्जी मंडी में उड़ाई जा रही हैं कानून की धज्जियां

 

मुरादनगर। साधारण सर्जरी वाला जख्म कैंसर बन गया है। वह भी जब शहर के तमाम जिम्मेदार लोग कई बार शहर के लिए अभिशाप बन चुकी नाम की सब्जी मंडी को शहर से बाहर निकालने की मांग कर चुके हैं।  कोरोना के समय के साथ चले जाने की उम्मीद है लेकिन इस मंडी में तो रोज हर नियम कानून ताक पर रखा जाता है। कई बार यह मंडी मुरादनगर को सांप्रदायिक आग की ओर मोड़ चुकी है। भला हो शहर के जिम्मेदार लोगों का जिन्होंने किसी तरह से माहौल को संभाला था। इस मंडी में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान मौसमी फसल लेकर आते हैं। मंडी में किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता क्योंकि आज भी यहां बिचौलिए हावी हैं और यह मंडी ही उनकी है। जबकि सरकार किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम दिलाने के बड़े-बड़े वादे कर रही है। यह भी ताज्जुब की बात है कि शहर में दिन निकलने से पहले मंडी लग जाती है लेकिन प्रशासन की ओर से वहां कोरोना के मद्देनजर सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं है। यहां आने के बाद बेचने वाला और बिकवाने वाले खरीदने वाले कोई भी एहतियात नहीं बरत रहे। जबकि मुरादनगर में कई स्थान हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित किए जा चुके हैं। सब्जी कम झगड़ों के लिए ज्यादा बदनाम इस मंडी में कुछ ऐसे लोगों की भी मौजूदगी रहती है जिनका सब्जी के विक्रेताओं से सीधा सीधा कोई वास्ता नहीं होता। लेकिन वह हाथ पैरों पर ही वहां से अपना खर्चा पानी निकाल ले जाते हैं। विपदा काल में हर चीज आवश्यक है लेकिन सर्वप्रथम सुरक्षा अपने से पहले दूसरे की जिम्मेदारी हमारी है। ऐसे में यदि नियम कायदों की धज्जियां उड़ती है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन भी कहीं तक जवाब देह है और ऐसे स्थानों पर अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा न हो, यह भी कानून के रखवालों को ही तय करना है।

 

Comments

Popular posts from this blog

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी नियमों को उड़ा रहे हैं गाड़ी पर लिखा भारत सरकार

समस्त देशवासियों ,विज्ञापन दाताओं, सुधी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

विपनेश चौधरी को मेघालय के राज्यपाल ने राजस्थान में किया सम्मानित