कांवड़ यात्रा को लग सकता है कोरोना का ग्रहण

कांवड़ यात्रा को लग सकता है कोरोना का ग्रहण



मुरादनगर। इस बार कांवड़ यात्रा होगी या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। कावड़ यात्रा के दौरान कांवड़ सेवा शिविर लगाने वाले लोग अभी तक असमंजस में है। किसी शिविर की भी कोई तैयारी नहीं की जा रही हैं जबकि कुछ शिविर संचालक यात्रा से महीनों पूर्व सरकारी औपचारिकताएं पूरी कर शिविर में होने वाले खर्च आदि का इंतजाम करने में लग जाते थे लेकिन इस बार कोरोना के साए की वजह से कांवड़ यात्रा पर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं और लोग भी सरकार के आगामी निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 


गोमुख ऋषिकेश हरिद्वार से राजस्थान हरियाणा आदि दूरस्थ क्षेत्रों के कांवड़ यात्री क्षेत्र में महाशिवरात्रि से 2 सप्ताह पहले ही मुरादनगर पहुंचना शुरू हो जाते हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 19 जुलाई को पड़ रहा है। इस बारे में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित विनोद मिश्रा ने बताया कि दूरदराज से जल लेकर जाने वाले मुख्य पर्व से लगभग 1 माह पहले यात्रा के लिए चल देते हैं। इस दौरान अपनी श्रद्धा अनुसार चार धाम यात्रा आदि भी लोग कर कावड़ लेकर समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं। अभी तक हर वर्ष कावड़ लाने वाले भक्त व शिविर लगाकर उनकी सेवा करने वाले लोग भी यात्रा को लेकर इंतजाम करते हुए नहीं दिखाई दे रहे। 


मुरादनगर क्षेत्र में छोटे बड़े 2 दर्जन से अधिक कांवड़ सेवा शिविर लगाए जाते हैं जिन्हें लोग आपसी सहयोग से आयोजित करते हैं। वह लोग भी पहले से ही शिविर लगाने के इंतजामों में लग जाते थे लेकिन कोरोना के कारण बनी अनिश्चितता की वजह से अभी तक वह लोग भी सरकार के नए दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा अपने आप में शारीरिक दूरी बनाए रखने वह स्वच्छता से शुरू होती है। ऐसे में यात्रा के दौरान कांवड़ यात्री बहुत से ऐसे दिशा निर्देशों का पालन कर सकते हैं जो स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए हैं। पवित्र गंगाजल गोमुख ऋषिकेश हरिद्वार से लाया जाता है जो अब उत्तराखंड प्रदेश में हैं। कांवड़ यात्रा उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय के बाद भी उत्तराखंड सरकार के निर्णय का भी लोगों को इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि कांवड़ यात्रा के दौरान ऋषिकेश हरिद्वार के गंगा घाटों पर बड़ा जनसैलाब जल लेने के लिए उमड़ता है और गोमुख में भी काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। 


समाजसेवी भाजपा नेता गोपाल अग्रवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष कांवड़ सेवा शिविर का आयोजन किया जाता था। इस में बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री आते रहे हैं लेकिन इस बार अभी तक कोरोना को लेकर सरकार की ओर से कावड़ यात्रा के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं, इसलिए सरकार के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।


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