असामाजिक तत्वों का तालाबों पर बोलबाला हो सकता है कानून व्यवस्था को खतरा

असामाजिक तत्वों का तालाबों पर बोलबाला हो सकता है कानून व्यवस्था को खतरा



मुरादनगर। तालाबों से कानून व्यवस्था को हो सकता है। खतरा असामाजिक तत्वों का ठिकाना बने तालाब हत्या लूट दुष्कर्म जैसी वारदातें होने के बावजूद भी इस और पुलिस का नहीं है। कहने के लिए तोकार करते हुए बताया कि वह इधर उधर से सामान इकट्ठा कर मुरादनगर रखते थे और यहीं से खरीदने वाले से सौदा होने के बाद अन्य स्थानों पर पहुंचाते थे।





 शहर में कई तालाब थे लेकिन जिनके ऊपर उनकी देखभाल रखरखाव की जिम्मेदारी ही उन्हीं की मिलीभगत से कब्जे हो गए मकान बन गए। लेकिन आयुध निर्माणी क्षेत्र तथा उखलारसी स्थित रेलवे लाइन के निकट दो बड़े तालाब है। दोनों में ही मछली पालन पानी के फल उगाने का कार्य होता है। एक नगर पालिका परिषद के स्वामित्व में है। उसका ठेका भी नगरपालिका ही छोड़ती है। दूसरा आयुध निर्माणी की भूमि पर है उसका ठेका आयुध निर्माणी से ही छोड़ा जाता है। दोनों तालाबों का विस्तृत क्षेत्रफल है। शहर से बाहर एकांत होने के कारण इनके आसपास असामाजिक तत्व जमा रहते हैं। नशे के इंजेक्शन आदि लेने वाले यहां अधिकांश समय देखे जा सकते हैं। कुछ लोग शराब पीने के लिए भी यहां एकत्र होते हैं। दिन ढलते ही अनैतिक कार्यों के लिए भी यह स्थान कुछ लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। कुछ पूर्व ही तालाब पर लड़की के परिजनों ने प्रेमी की हत्या कर शव को आयुध निर्माणी स्थित तालाब पर ही फेंका था। रेलवे लाइन के निकट स्थित तालाब के पास से भी गाजियाबाद के युवक का शव मिला था। मृतक के आसपास दर्जनों नशे के इंजेक्शन भी पड़े मिले थे। पुलिस ने उसकी मौत की वजह नशा बताया था। जबकि परिजनों ने आरोप लगाया था कि गाजियाबाद से यहां लाकर उसकी हत्या की गई है। जुआ खेलने वालों के लिए भी यहां कोई रोक टोक नहीं है। नशे का सामान बेचने वालों के लिए भी यह सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं। दिन हो या रात यहां समय असामाजिक तत्वों का कब्जा रहता है। यह बात अलग है कि दिन में कुछ अलग कार्य होते हैं रात में दूसरे कार्यों के लिए इन स्थानों का इस्तेमाल होता है। दोनों ही के आसपास कालोनियां हैं एक तरफ आयुध निर्माणी का आवासीय क्षेत्र है दूसरी ओर बसी कालोनियों में भी बड़ी आबादी रहती है। यह जमने वाले असामाजिक तत्व कॉलोनी वासियों के लिए भी घातक हो सकते हैं। एक से आयुध निर्माणी को राजस्व की प्राप्ति होती है। दूसरे से नगरपालिका को लाखों रुपए की आमदनी हो रही है। ठेके छोड़ने के बाद दोनों ही विभाग उनकी और से लापरवाह हो जाते हैं। ठेके लेने वाले कभी-कभी ही देखभाल के लिए वहां जाते हैं दोनों के पास रेलवे लाइन है। वहां से लाइनों को भी निशाना बनाया जा सकता है लेकिन वहां की सुरक्षा के प्रति कोई सजगता नहीं दिखलाता उस ओर पुलिस भी कोई कार्य विशेष होने पर ही जाती है। इसी का फायदा असामाजिक तत्व उठाते हैं। यहां तक की अपराधी वारदातों को अंजाम देने से पहले यहां एकत्र हो मंत्रणा करते हैं। कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनसे पता लगता है कि इन स्थानों पर अनैतिक कार्य यहां तक की हत्या दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले भी सामने आ चुके हैं। लेकिन फिर भी इस ओर से घटना के बाद पुलिस भी लापरवाह हो जाती है। संबंधित पुलिस चौकी प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल रेंज से बाहर जाता रहा ।


Comments

Popular posts from this blog

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी नियमों को उड़ा रहे हैं गाड़ी पर लिखा भारत सरकार

समस्त देशवासियों ,विज्ञापन दाताओं, सुधी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

विपनेश चौधरी को मेघालय के राज्यपाल ने राजस्थान में किया सम्मानित