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स्थानीय श्मशान घाट में बड़ी संख्या में हो रहे हैं अंतिम संस्कार , कहां से आए शव ?

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स्थानीय श्मशान घाट में बड़ी संख्या में हो रहे हैं अंतिम संस्कार , कहां से आए शव ? मुरादनगर। कोरोना संक्रमित कई लोगों के शवों का अंतिम संस्कार महानगरों से आकर लोग यहां कर रहे हैं। नगर के  श्मशान घाटों पर एक साथ अनेकों चिताएं एक साथ जलती देखी गई। अंतिम संस्कार करने आए सभी लोग पीपीई किट पहने थे। सभी शवों को विभिन्न स्थानों से एंबुलेंसों  द्वारा श्मशान घाटों तक लाया गया था। उखलारसी श्मशान घाट के निकट रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एम्बुलेंसों के चालक जो कि श्मशान घाट के बाहर गाड़ियों में बैठे हुए थे उन्होंने बताया कि वह साहिबाबाद गाजियाबाद से एंबुलेंस में शव लेकर यहां आए हैं। मरने वाले कौन थे। उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है लेकिन सभी शव कोरोना से मरने वालों के ही हैं। अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले अस्पताल के कर्मचारी या मृतकों के परिजन इस बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। उनकी गाड़ी यहां तक शव लाने के लिए बुक कराई गई थी। महानगरों में श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। लोग अपने से बिछुड़ो के अंतिम संस्कार के लिए ऐसे स्थानों की तलाश

पहले भी की अब भी हर मदद के लिए तैयार - बॉबी पंडित

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पहले भी की अब भी हर मदद के लिए तैयार - बॉबी पंडित मुरादनगर। आपदा के समय प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह जो भी संभव हो लोगों की मदद करें। राष्ट्रीय परशुराम परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बॉबी पंडित ने लोगों से अपील की है कि महामारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा दिए दिशा निर्देशों का सभी पालन करें तथा महामारी के नियंत्रण पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराएं। उन्होंने  बताया कि हमारे संगठन ने पहले लगे लॉकडाउन में भी लोगों की हर संभव सहायता की थी। आकस्मिक स्थितियों में अभी भी सभी तैयारियां हैं।

हो रहा है जन सहयोग से सैनिटाइजेशन - गंगा शरण

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हो रहा है जन सहयोग से सैनिटाइजेशन - गंगा शरण मुरादनगर। राष्ट्रीय मानव अधिकार एसोसिएशन ने विभिन्न क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का कार्य कराया। संगठन के लाला गंगा शरण ने जानकारी देते हुए बताया कि जन सहयोग से कार्य कराया जा रहा है।

बीमारी के साथ साथ कालाबाजारी रोकने के लिए गांव गलियों में भी करनी होगी चौकसी

बीमारी के साथ साथ कालाबाजारी रोकने के लिए गांव गलियों में भी करनी होगी चौकसी मुरादनगर। कोरोना तथा कालाबाजारी रोकने के लिए  शहर में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों व कालोनियों की गलियों में भी प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। मुख्य बाजारों में कोरोना कर्फ्यू कालाबाजारीयों की तलाश  से हालातों पर काबू पाना कठिन लग रहा है। मुख्य मार्गों पर पुलिस प्रशासन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दिए गए दिशानिर्देशों के पालन कराने के प्रयास जुर्माना अन्य कार्यवाही कर रहा है। सरकार प्रशासनिक अधिकारी कालाबाजारी नहीं होने देने के दावे कर कठोर कार्यवाही की चेतावनी भी दे रही है। इन सबके लिए पुलिस प्रशासन नगर के व्यापारियों पर निगाह रख रही है लेकिन  कालाबाजारी रुकने के स्थान पर उच्च स्तर तक पहुंच रही है। इस बार कोरोना संक्रमण का भयंकर रूप लोगों की जान ले रहा है। चारों ओर हाहाकार है। डॉक्टर मास्टर अधिकारी पुलिस नेता पहले दौर में भी संक्रमण की चपेट में आए थे लेकिन इस बार किसान भी खतरे में पड़ गया है। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के ज्यादा मामले नहीं आए थे लेकिन इस बार ग्रामीण क्षेत्र से संक्रमण के कारण मौत

रिम्स में हॉस्पिटल बन सकते हैं 25 कोविद बेड - डॉक्टर राशिद

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रिम्स में हॉस्पिटल बन सकते हैं 25 कोविद बेड - डॉक्टर राशिद मुरादनगर। रावली रोड स्थित रिम्स हॉस्पिटल ने प्रशासन को 25 कोविड बेड उपलब्ध कराने के लिए कहा है। महामारी के दौर में बड़े महानगरों में लोगों को बेड नहीं मिल रहे। सीमित संसाधनों से दर्जनों पीड़ित रिम्स हॉस्पिटल से इलाज के बाद कोरोना को मात दे स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर राशिद सैफी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभी हमारे पास सीमित संसाधन हैं। उन्हीं के सहारे जितना संभव है हम लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन को 25 कोविड बेड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव हमने दिया है। डॉ. राशिद ने बताया कि ऑक्सीजन मिलने में काफी परेशानियां हो रही है। गाड़ियों को दूर-दूर तक ऑक्सीजन के लिए भेजा जा रहा है। हालात यह है कि सिलेंडरों के लिए मेरठ गाजियाबाद दिल्ली तक दौड़ना पड़ रहा है लेकिन हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि इलाज के अभाव में किसी की जान न जाए। प्रशासन को 25 बेड उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए प्रबंधन ने ऑक्सीजन तथा वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की मांग करते हुए बाकी सभी सेवाएं देने पर तैयारी प्रारं

बैंक में उपभोक्ता कर्मचारी सुरक्षा सर्वोपरि - अमर श्रीवास्तव

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बैंक में उपभोक्ता कर्मचारी सुरक्षा सर्वोपरि - अमर श्रीवास्तव मुरादनगर। शाखा कार्यालय में आने वाले कर्मचारियों  उपभोक्ताओं की सुरक्षा  सुनिश्चित करने के लिए  शाखा परिसर में एटीएम कक्ष और बाहर प्रतिक्षालय का सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। यह जानकारी भारतीय स्टेट बैंक आयुध निर्माणी के प्रबंधक अमर श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देशित सभी नियमों का पालन कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे उपभोक्ता तथा कर्मचारी दोनों ही संक्रमण से बचे रहें। बिना मास्क के किसी भी  उपभोक्ता को बैंक के अंदर जाने की अनुमति नहीं है।  बैंक परिसर में प्रवेश करने से पहले ग्राहकों के हैंड सेनेटाइजेशन के लिए एक कर्मचारी की व्यवस्था की है जो प्रत्येक बैंक में प्रवेश करने वाले को सैनिटाइजर उपलब्ध कराएगा।  गंभीर हालातों को देखते हुए  वर्तमान में केवल नगद आरटीजीएस एनईएफटी  डीडी का काम शाखा में किया जा रहा है। जमा तथा निकासी के लिए सीडीएम मशीन उपलब्ध है। उनके इस्तेमाल के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित किया जा रहा है। परिसर में 2 सीडीएम मशीन लगाई है जो 24 घंटे

रिपोर्ट के अनुसार हर 2 मिनट में एक बच्चे की मलेरिया से मृत्यु हो जाती है : डॉ. मोहम्मद वसी बेग

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रिपोर्ट के अनुसार हर 2 मिनट में एक बच्चे की मलेरिया से मृत्यु हो जाती है : डॉ. मोहम्मद वसी बेग विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि रोग मलेरिया के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके, इसे कैसे नियंत्रित किया जाए और इसे पूरी तरह से कैसे मिटाया जा सके। इस वर्ष, डब्ल्यूएचओ और भागीदार विश्व मलेरिया दिवस को उन देशों की उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे जो मलेरिया उन्मूलन के लिए आ रहे हैं और प्राप्त कर रहे हैं। वे उन सभी देशों के लिए प्रेरणा प्रदान करते हैं जो इस घातक बीमारी पर मुहर लगाने के लिए काम कर रहे हैं और अपनी आबादी के स्वास्थ्य और आजीविका में सुधार कर रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि पूरी दुनिया महामारी कोविड-19 से लड़ रही है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह सुनिश्चित करते हुए कोरोनोवायरस से निपटने की तत्काल आवश्यकता है कि मलेरिया सहित अन्य जानलेवा बीमारियों की उपेक्षा न हो। इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ देशों से महामारी के संदर्भ में मलेरिया सेवा की निरंतरता सुनिश्चित करने का आग्रह करता है, बशर्ते कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और समुदायों की रक्षा के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया